कुछ ऐसा भी है जो सबसे परे है, अपार है, विशाल है, अद्भुत है... जो लोग सोचते हैं कि वे बड़े हैं, वे बड़े हो भी सकते हैं और नहीं भी....मगर जो लोग ये नहीं सोचते हैं उनके बारे में दूसरे सोचते हैं कि शायद वे बड़े हैं...कुछ उन्हें दिल से बड़ा मान लेते हैं तो कुछ उनके बड़प्पन से खौफ खाए अपने बोनेपन के एहसास से त्रस्त किसी न किसी तरह उन्हें छोटा साबित करने की चाह में उन्हें कुछ और बड़ा बना देते हैं.
Dec 31, 2010
विदाई को मन नहीं चाहता फिर भी नए का स्वागत है
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
12/31/2010 10:50:00 AM
0
comments
Dec 23, 2010
"दारोगा जिंदान, सलीम को तरक्की देना अँग्रेजी और अवाम के हक़ में नहीं" - अकबर-ए-आजम
अशिष्ट जी की कहानी का पात्र निरोगीलाल हिन्दी के प्यार में सब कुछ भूल गया। यहाँ तक कि अकबरे आजम को भी जो अनारकली के दुश्मन तो नहीं मगर अपने अँग्रेजी उसूलों के गुलाम अवश्य थे। अब गुलाम तो गुलाम ठहरा वह चाहे उसूलों का ही क्यों न हो।
बड़ी बेचैनी के साथ ही सही, निरोगीलाल की हिन्दी के प्रति बेपनाह मुहब्बत को सबने कबूला और सर्वश्रेष्ठ हिन्दी अधिकारी का प्रमाण-पत्र देकर उन्हें सम्मानित भी किया मगर तरक्की के मामले में उन्हे हिन्दी के प्यार में आकंठ डूबे हुए सलीम को बागी का दर्जा देते हुए ज़िंदा दीवार में दफन करने के लिए दरोगा जिंदान को सौंप दिया गया। उनसे कनिष्ठ कई लोगों को जो अनारकली और सलीम की प्यार की पींगों से परेशान रहते थे, तोफ़ा-ए-तरक्की मिली।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
12/23/2010 10:44:00 PM
0
comments
Dec 21, 2010
हिन्दी एवं इंडिक यूनिकोड पर कार्यशाला
राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, तारामणि, चेन्नै के स्टाफ के लिए केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण उपसंस्थान, चेन्नै के लीला हिंदी गहन कंप्यूटर प्रशिक्षण कक्ष में 21 दिसंबर 2010 को हिंदी एवं इंडिक यूनीकोड पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में भाग लेते प्रशिक्षार्थी.
फोटो: अजय मलिक
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
12/21/2010 04:10:00 PM
0
comments
Dec 19, 2010
इनस्क्रिप्ट देवनागरी कुंजी पटल लेआउट
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
12/19/2010 12:16:00 PM
0
comments
Dec 16, 2010
ई-लर्निंग एवं हिंदी यूनिकोड पर नाराकास (का) चेन्नै की कार्यशाला केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण उपसंस्थान में
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (कार्यालय), चेन्नै ने सदस्य कार्यालयों के राजभाषा कर्मियों के लिए "हिन्दी ई-लर्निंग एवं हिन्दी यूनिकोड" विषय पर 03 दिसंबर को केंद्रीय हिन्दी प्रशिक्षण उपसंस्थान,चेन्नै के लीला हिन्दी गहन प्रशिक्षण केंद्र में एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर नाराकास सचिव एवं उपमहाप्रबंधक (राजभाषा) श्रीमती राधा रामकृष्णन ने कहा कि हिंदी यूनीकोड और हिंदी ई-लर्निंग आज हरेक राजभाषा कर्मी के लिए एक आवश्यकता बन चुकी है।
कार्शाला में लगभग ४५ अधिकारियों एवं राजभाषा कार्मिकों ने भाग लिया।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
12/16/2010 01:45:00 PM
1 comments
Dec 11, 2010
बताएं तो जानें
1. क्या पीडीएफ दस्तावेज़ को वर्ड दस्तावेज़ में बदला जा सकता है? यदि हाँ तो कैसे?
2. क्या विंडोज़ 7, पेंटियम IV प्रोसेसर के साथ 4 जीबी की हार्ड डिस्क में इंस्टाल किया जा सकता है? हाँ, तो कैसे?
3. एम एस ऑफिस 2007 तथा एम एस ऑफिस 2010 में क्या अंतर है?
4. संसदीय राजभाषा समिति की प्रश्नावली यूनीकोड में कहाँ उपलब्ध है?
2. क्या विंडोज़ 7, पेंटियम IV प्रोसेसर के साथ 4 जीबी की हार्ड डिस्क में इंस्टाल किया जा सकता है? हाँ, तो कैसे?
3. एम एस ऑफिस 2007 तथा एम एस ऑफिस 2010 में क्या अंतर है?
4. संसदीय राजभाषा समिति की प्रश्नावली यूनीकोड में कहाँ उपलब्ध है?
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
12/11/2010 08:42:00 PM
0
comments
राग दरबारी डाउनलोड
श्रीलाल शुक्ल का राग दरबारी एक अद्भुत कृति है. इसे जिसने भी पढ़ा है वह दूसरी बार अवश्य पढ़ना चाहता है. ziddu.com से राग दरबारी डाउनलोड किया जा सकता है. डाउनलोड लिंक नीचे दिया जा रहा है-
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
12/11/2010 08:27:00 PM
0
comments
Dec 7, 2010
युवा संसद में शपथ लेते हुए के. वि., सी एल आर आई का एक छात्र
केंद्रीय विद्यालय, पट्टम, त्रिवेंद्रम में आयोजित केंद्रीय विद्यालाओं की आंचलिक 'युवा संसद' प्रतियोगिता में केंद्रीय विद्यालय, सी एल आर आई, अड्यार, चेन्नै के छात्र एवं दर्शकगण . एक राजस्थानी सांसद की भूमिका में शपथ लेते हुए भुवन.
फोटो : सौजन्य मलयाला मनोरमा
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
12/07/2010 02:30:00 PM
1 comments
Dec 6, 2010
आपका मनचाहा हिंदी कुंजीपटल और बहुत सारे कुंजी पटल: हिंदी यूनिकोड आजमाइए तो सही
कुछ मित्रों की मांग पर एक बार फिर से हम
बेहद सरल ढंग से यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि आप अपने कंप्यूटर में हिन्दी
एवं अन्य भारतीय भाषाओं को बिना किसी अतिरिक्त व्यय के कैसे सक्रिय करें तथा कैसे
मन चाहा कुंजी पटल रेडीमेड अथवा स्वनिर्मित प्रयोग में लाएँ।
Dec 1, 2010
प्राज्ञ पाठमाला पाठ 1 का तमिल अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सीडेक)
Lesson 1
Lesson 1
இந்தியா தன்னாட்சி உரிமைபெற்ற ஜனநாயக்குடியரசு.
நம்முடைய அரசியல் சட்டத்தை உருவாக்கியவர்கள் கூட்டாட்சிமுறைக் கருதுகோளைக் கொண்டிருந்தார்கள்.
இந்திய யூனியனின் யாவரினும் உயர் தலைவர் ஜனாதிபதி. அவரது உதவிக்காக துணை ஜனாதிபதி உள்ளார்.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
12/01/2010 04:22:00 PM
0
comments
Nov 28, 2010
हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान, त्रिभाषा सूत्र एवं सेवाकालीन प्रशिक्षण : कुछ परिकल्पनाएं, कुछ व्यक्तिगत विचार
हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान से अभिप्राय:-
सामान्य परिभाषा
शाब्दिक विश्लेषण के स्तर पर हिंदी के कार्यसाधक ज्ञान से यही अभिप्राय हो सकता है कि संबधित कर्मचारी जिस पद पर कार्यरत है उस पद के कर्तव्यों के निर्वहन यानी कार्यालयीन कामकाज करने के लिए जितने न्यूनतम हिंदी ज्ञान की अपेक्षा की जा सकती है, उतनी हिंदी वह जानता है।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/28/2010 09:50:00 PM
3
comments
Nov 22, 2010
विश्व की श्रेष्ठ कहानियाँ
हिंदी विकिस्रोत का लिंक हमने बहुत पहले दिया था. अब प्रस्तुत हैं हिंदी विकिस्रोत के सौजन्य से
विश्व की सर्वश्रेष्ठ कहानियां -
प्रेमचंद की कहानियाँ
कितनी जमीन? / लियो टोल्स्टोय
विश्व की सर्वश्रेष्ठ कहानियां -
प्रेमचंद की कहानियाँ
कितनी जमीन? / लियो टोल्स्टोय
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/22/2010 09:44:00 PM
0
comments
भारत का 41वां अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव 2010
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/22/2010 09:40:00 AM
0
comments
Nov 19, 2010
'शाइरी' के सौजन्य से पेश हैं कुछ शायरों के चुनिंदा शे'र
हमें भी आ पड़ा है दोस्तों से काम कुछ य'अनी
हमारे दोस्तों के बे-वफ़ा होने का वक़्त आया
-पंडित हरि चंद अख़्तर
हमारे दोस्तों के बे-वफ़ा होने का वक़्त आया
-पंडित हरि चंद अख़्तर
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/19/2010 10:49:00 PM
0
comments
'वोह दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे' -तीन बेहतरीन गज़लें
'शाइरी' के सौजन्य से तीन बेहतरीन ग़ज़लें पेश हैं
1
तुमने तो कह दिया कि मोहब्बत नहीं मिली
मुझको तो ये भी कहने की मोहलत नहीं मिली
नींदों के देस जाते, कोई ख्वाब देखते
लेकिन दिया जलाने से फुरसत नहीं मिली
तुझको तो खैर शहर के लोगों का खौफ था
और मुझको अपने घर से इजाज़त नहीं मिली
फिर इख्तिलाफ-ए-राय की सूरत निकल पडी
अपनी यहाँ किसी से भी आदत नहीं मिली
बे-जार यूं हुए कि तेरे अहद मैं हमें
सब कुछ मिला, सुकून की दौलत नहीं मिली
- नोशी गिलानी
1
तुमने तो कह दिया कि मोहब्बत नहीं मिली
मुझको तो ये भी कहने की मोहलत नहीं मिली
नींदों के देस जाते, कोई ख्वाब देखते
लेकिन दिया जलाने से फुरसत नहीं मिली
तुझको तो खैर शहर के लोगों का खौफ था
और मुझको अपने घर से इजाज़त नहीं मिली
फिर इख्तिलाफ-ए-राय की सूरत निकल पडी
अपनी यहाँ किसी से भी आदत नहीं मिली
बे-जार यूं हुए कि तेरे अहद मैं हमें
सब कुछ मिला, सुकून की दौलत नहीं मिली
- नोशी गिलानी
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/19/2010 10:37:00 PM
0
comments
कृपया हैरान न हों, मगर यह सच भी हो सकता है !!
बताएं तो जानें-
1. क्या यह सही है कि हमारे देश के मात्र 4 राज्यों (हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली ) में ही कक्षा 1 से 10 तक प्रथम भाषा के रूप में हिंदी पढ़ना अनिवार्य है?
2. क्या यह सही है कि हमारे देश के मात्र 5 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश,राजस्थान और दिल्ली में ही कक्षा 1 से 10 तक प्रथम अथवा द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी पढ़ना अनिवार्य है?
3. क्या यह सही हैं कि उत्तर-प्रदेश में भी कक्षा 1 से दस तक बिना हिंदी पढ़े मैट्रिक पास करना संभव है?
4. क्या यह सही है कि 12 राज्यों आंध्र-प्रदेश, असम, मणिपुर,मेघालय,मिजोरम,नागालैंड, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु , त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल में मैट्रिक यानी 10 वीं कक्षा में हिंदी पढ़ना अनिवार्य नहीं है?
कृपया उत्तरों के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें-
LANGUAGES IN EDUCATION - Ministry of HRD
कृपया उत्तरों के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें-
LANGUAGES IN EDUCATION - Ministry of HRD
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/19/2010 09:48:00 AM
1 comments
Nov 17, 2010
राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की स्थिति का पता लगाने के लिए निरीक्षणकर्ता के लिए कुछ उपयोगी बातें
मेरे कई हिंदी अधिकारी मित्रों ने मुझसे पूछा है कि उन्हें अपने अधीनस्थ कार्यालयों के राजभाषा सम्बन्धी निरीक्षणों के समय क्या करना चाहिए? मैं उनके लिए कुछ साधारण से नुक्ते बताना चाहता था मगर इसी चिंतन के दौरान मैं अपने कभी न पूरे हो सकने वाले अधूरे शोध प्रबंध तक जा पहुंचा। मैंने वर्ष 1996 में अपना शोध कार्य सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन पर शुरू किया था जो कभी भी पूरा नहीं हो सका।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/17/2010 02:17:00 PM
0
comments
Nov 14, 2010
"कि तू मिल भी अगर जाये तो अब मिलने का ग़म होगा" - वसीम बरेलवी
आज एक बार फिर से पेश हैं सुप्रसिद्ध शायर जनाब वसीम बरेलवी जी की तीन ग़ज़लें 'कविता कोश' के सौजन्य से। ये गज़लें विशेष रूप से कुछ मित्रों और कुछ बेहद 'परिचित अजनबियों' के लिए हैं।
कहाँ तक आँख रोएगी कहाँ तक किसका ग़म होगा
मेरे जैसा यहाँ कोई न कोई रोज़ कम होगा
तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना रो चुका हूँ मैं
कि तू मिल भी अगर जाये तो अब मिलने का ग़म होगा
समन्दर की ग़लतफ़हमी से कोई पूछ तो लेता ,
ज़मीं का हौसला क्या ऐसे तूफ़ानों से कम होगा
मोहब्बत नापने का कोई पैमाना नहीं होता ,
कहीं तू बढ़ भी सकता है, कहीं तू मुझ से कम होगा
2
तुझको सोचा तो पता हो गया रुसवाई को
मैंने महफूज़ समझ रखा था तन्हाई को
जिस्म की चाह लकीरों से अदा करता है
ख़ाक समझेगा मुसव्विर तेरी अँगडाई को
अपनी दरियाई पे इतरा न बहुत ऐ दरिया ,
एक कतरा ही बहुत है तेरी रुसवाई को
चाहे जितना भी बिगड़ जाए ज़माने का चलन,
झूठ से हारते देखा नहीं सच्चाई को
साथ मौजों के सभी हो जहाँ बहने वाले ,
कौन समझेगा समन्दर तेरी गहराई को.
3
उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है
जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है
नई उम्रों की ख़ुदमुख़्तारियों को कौन समझाये
कहाँ से बच के चलना है कहाँ जाना ज़रूरी है
थके हारे परिन्दे जब बसेरे के लिये लौटे
सलीक़ामन्द शाख़ों का लचक जाना ज़रूरी है
बहुत बेबाक आँखों में त'अल्लुक़ टिक नहीं पाता
मुहब्बत में कशिश रखने को शर्माना ज़रूरी है
सलीक़ा ही नहीं शायद उसे महसूस करने का
जो कहता है ख़ुदा है तो नज़र आना ज़रूरी है
मेरे होंठों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो
कि इस के बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/14/2010 07:19:00 PM
0
comments
Nov 11, 2010
आइए संस्कृत सीखें
देववाणी संस्कृत के नए विद्यार्थियों के लिए बहुत ही अच्छे लिंक्स विभिन्न वेबसाइट्स से साभार यहाँ दिए जा रहे हैं। ये लिंक्स आपको सीधे संस्कृत दीपिका, संस्कृतम्, संस्कृतं शिक्षामहै वेबसाइट्स जो जोड़ देंगे। आप यह जानकर अवश्य प्रसन्न होंगे कि इंटरनेट पर संस्कृत की अपार ज्ञान संपदा उपलब्ध है मगर हम ही भ्रमित हैं-
संस्कृत दीपिका
आपसे अनुरोध है कि उपर्युक्त वेबसाइट्स को धन्यवाद देना न भूलें।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/11/2010 08:20:00 PM
1 comments
Nov 10, 2010
तीन दिनों के दो बड़े अनुभव
एक बात खुशी की है और एक दुख की ... किसे पहले बताऊँ !!
परंपरा का निर्वाह करना हमेशा कठिन रहा है और बेबाकी का खामियाजा भी खूब उठाया है। जो खामियाजा भुगता है वह दिखाई नहीं देता... मगर हर दिखाई न देने वाली चीज़ का कोई अस्तित्व ही न हो, यह तो नहीं माना जा सकता। कितने ही वायरस आम आदमी को दिखाई नहीं देते मगर उनके फैलाए जानलेवा रोग अच्छे अच्छों की छुट्टी कर देते हैं। अब यह तो हर आदमी का अपना शगल है याकि अदा है कि कोई चोट खाकर खुश है तो कोई घाव देखर शुकून का अनुभव करता है। 'आन' फिल्म के एक गीत की पंक्तियाँ हैं-"बेदर्द से ए दिल प्यार न कर, तड़पे जा यूंही फरियाद न कर... क्यूँ रहम करे कातिल ही तो है ...
बहरहाल, कोरिन होर्नी के मनोवैज्ञानिक सिद्धांत को यहीं छोड़कर परम्परा का निर्वाह करने की कोशिश करते हुए मैं पहले आपको सुखद अनुभव से ही रूबरू कराता हूँ.
आज चेन्नै के एक प्राइवेट यानी गैर सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लगभग दो घंटे तक चले हिंदी दिवस समारोह में शामिल होने का अवसर मिला. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै स्थित १८५२ में स्थापित इस विद्यालय के छात्रों ने हिंदी में कई सारगर्भित भाषण दिए, कई रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए. न कोई लाग, न लपेट, न कोई रिपोर्ट भेजने की चिंता, न दिखावे की दिक्कत... सब कुछ बेहद सहज और सादगी भरा... दिलों में अपनी हिंदी भाषा के प्रति श्रृद्धा और अपनी अघोषित राष्ट्रभाषा के प्रति कर्तव्य का भाव. हिन्दू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ट्रिप्लिकेन, चेन्नै में आयोजित आज का हिंदी दिवस समारोह अच्छा लगा और महसूस हुआ कि हिंदी के प्रति लगाव के कारण भले ही कुछ समझदार लोग मुझे मूर्ख का दर्जा दें मगर हिंदी हारी नहीं है. हाँ, मैं जरूर अब कुछ बूढ़ा होने लगा हूँ.
दूसरा अनुभव सोमवार शाम का है. उस दिन यानी ८ नवम्बर को एक बड़े सरकारी अधिकारी को एक सरकारी बिल्डिंग के भूतल पर दो लोगों से एक बैनर दीवार के पास पकड़वाकर फोटो उतरवाते हुए देखा. बैनर पर लिखा था-
"हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह २०१०."
समारोह तो कहीं दिखाई नहीं दे रहा था मगर बैनर का फोटो झूठ कैसे बोल सकता है भला!!
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/10/2010 10:13:00 PM
0
comments
Nov 8, 2010
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए उपयोगी ब्लॉग
यह ब्लॉग यद्यपि अँग्रेज़ी में है मगर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए उपयोगी हो सकता है. जरा एक नज़र नीचे क्लिक कर देखें-
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/08/2010 08:45:00 PM
1 comments
भारत 2010 वार्षिकी डाउनलोड लिंक
भारत 2010 वार्षिकी (हिंदी ) अथवा इंडिया ईयर बुक 2010 (अँग्रेज़ी) निशुल्क डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें-
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/08/2010 08:27:00 PM
0
comments
Nov 7, 2010
प्राज्ञ पाठमाला : पाठ 1 से 6 तक का अँग्रेज़ी अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lesson 1
Lesson 1
Bharat is a sovereign democratic republic. The persons who framed our constitution had the concept of federal system before their eyes. The Supreme head of the union is President. There is Vice-President for his assistance. There are three main parts of the administrative set up - Legislature, Executive and Judiciary.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/07/2010 08:39:00 PM
0
comments
Nov 4, 2010
आओ दिये जलाकर हम सब जगमग-जगमग जगभर कर दें ...
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/04/2010 08:58:00 PM
1 comments
03 नवंबर 2010 को संपन्न प्राज्ञ ऑनलाइन परीक्षा में चेन्नै केंद्र पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले श्री शेरिफ़ परीक्षा कक्ष में
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/04/2010 08:41:00 PM
0
comments
03 नवंबर को सी-डेक चेन्नै में प्राज्ञ ऑनलाइन परीक्षा देते हुए परीक्षार्थी
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/04/2010 08:38:00 PM
0
comments
Nov 3, 2010
राजभाषा विभाग में नए सचिव
उत्तर प्रदेश कैडर की 1976 बैच की वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी सुश्री वीणा उपाध्याय ने राजभाषा विभाग के सचिव का कार्यभार संभाल लिया है. इससे पूर्व वे उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी के महा निदेशक के पद को सुशोभित कर चुकी हैं.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/03/2010 11:28:00 PM
0
comments
Nov 2, 2010
प्रवीण पूरक पाठों का तमिल अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lessons supplementary 1
இன்று நம் நாட்டின் நுகர்வாளர் முன்னைவிட அதிக விழிப்படைந்தவராகியுள்ளார்.
பாரத அரசும் நுகர்வோர்களின் உரிமைகள் பாதுகாப்புக்கு முதன்மை தந்து 1986-இல் நுகர்வோர் பாதுகாப்புச் சட்…….
Lessons supplementary 1
இன்று நம் நாட்டின் நுகர்வாளர் முன்னைவிட அதிக விழிப்படைந்தவராகியுள்ளார்.
பாரத அரசும் நுகர்வோர்களின் உரிமைகள் பாதுகாப்புக்கு முதன்மை தந்து 1986-இல் நுகர்வோர் பாதுகாப்புச் சட்…….
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/02/2010 09:27:00 AM
0
comments
नए प्राज्ञ पाठ्यक्रम के विभिन्न मसौदे
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक )ये मसौदे अभ्यास के लिए दी गई स्थितियों पर आधारित हैं. ब्लॉग की कुछ बंदिशों के कारण हम सही लेआउट नहीं दे पा रहे हैं. निकट भविष्य में ले आउट सही करने की कोशिश की जाएगी.
1. केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान ने राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति के अंतर्गत लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के लिए पुनश्चर्या कार्यक्रम में नामांकन हेतु अपने सभी क्षेत्रीय उपनिदेशकों को पत्र भेजा था किंतु अभीतक अपेक्षित नामांकन प्राप्त नहीं हुआ है । अतः शीघ्र कार्रवाई के लिए अनुस्मारक का मसौदा तैयार करें ।
1. केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान ने राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति के अंतर्गत लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के लिए पुनश्चर्या कार्यक्रम में नामांकन हेतु अपने सभी क्षेत्रीय उपनिदेशकों को पत्र भेजा था किंतु अभीतक अपेक्षित नामांकन प्राप्त नहीं हुआ है । अतः शीघ्र कार्रवाई के लिए अनुस्मारक का मसौदा तैयार करें ।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/02/2010 09:22:00 AM
0
comments
Nov 1, 2010
जैसे शून्य समा गया
दिल, दिमाग और दृष्टि सभी में जैसे शून्य समा गया है. एक अजीब सा मोहभंग सा महसूस होता है. कुछ कहना चाहता हूँ, कुछ करना चाहता हूँ मगर फल यानी परिणाम तक पहुँच जाता हूँ... कर्म रह जाता है, निष्फल परिणाम के बारे में सोचकर. शायद इसी निष्क्रियता से बचाने के लिए कर्म करने और फल के बारे में न सोचने का उपदेश दिया गया है श्रीमद्भागवत गीता में.
शायद यही वज़ह है कि आदमी फल के बिना कोई काम नहीं करता, अपेक्षाएं और अधिक आग्रह करती हैं. कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता. मरने के भय से आदमी जीना ही अगर छोड़ दे तो फिर बचता क्या है? शून्य भी तो कुछ है. सभी तो शून्य है... फिर संज्ञाशून्य हो जाने से डरने की क्या आवश्यकता है. सारा ब्रह्माण्ड याकि परमात्मा ही जब शून्य है तो ब्रह्मा के अंश यानी आत्मा के शून्य होने से शरीर को आपत्ति क्यों होती है? फिर इस माया का मोह भी शून्य क्यों नहीं हो जाता...
-अजय मलिक
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
11/01/2010 11:29:00 PM
0
comments
Oct 22, 2010
आइए कंप्यूटर असेंबल करें
- अजय मलिक
नई दिल्ली में नेहरू पैलेस और चेन्नै में रिची स्ट्रीट ऐसे स्थान हैं जो कंप्यूटर पार्ट्स के लिए प्रसिद्ध हैं। मैं आपको चेन्नै के प्रसिद्ध कम्प्यूटर मार्केट रिची स्ट्रीट ले चलता हूँ। यहाँ की प्रसिद्ध सड़क माउंट रोड यानी अण्णा सालै पर बाटा शोरूम के पास रिची स्ट्रीट है और यहाँ सैंकड़ों दुकानें कंप्यूटर पार्ट्स से भरी पड़ी हैं। यहाँ आपको किसी भी कीमत का डेस्कटॉप कंप्यूटर बस एक घंटे के अंदर आपकी आँखों के सामने असेंबल कर सौंप दिया जाता है।
एक पर्सनल कंप्यूटर के लिए आपको एक मॉनिटर, एक कुंजी पटल, एक माउस, एक सी पी यू और एक यू पी एस की जरूरत होती है। मैं आपको एक माध्यम दर्जे का आधुनिक कंप्यूटर आज के भाव में आपको दिला रहा हूँ। यह कंप्यूटर आगामी तीन वर्षों तक आपको सूचना प्रौद्योगिकी की दुनियाँ में पिछड़े होने का एहसास नहीं होने देगा।
सी पी यू के लिए आपको सबसे पहले एक केबनेट की जरूरत है। यह आपको एस एम पी एस यानी पावर सप्लाई यूनिट के साथ मिलती है। हम एक उच्च श्रेणी की केबनेट ले रहे हैं जिसकी कीमत 1800 रुपए है। वैसे आप 800 से 3000 रुपए तक की केबनेट लेने के लिए स्वतंत्र हैं। अब हम एक अच्छा मदर बोर्ड और प्रोसेसर खरीदेंगे। मेरी राय में इंटेल का DH55HC मदर बोर्ड लेना उचित रहेगा क्योंकि इसमें ऑन बोर्ड ग्राफिक्स भी है और HDMI पोर्ट भी है। इसी के साथ यह अत्याधुनिक प्रोसेसर i3, i5, i7 आदि के लिए उपयुक्त है। इसमें 5.1सराउंड साउंड, वी जी ए, डी वी आई - डी कनेक्टर्स भी हैं। इसमें 16 GB तक चार खांचों में DDR 3 1333/1066 मेगा हार्ट्ज स्पीड के राम RAM लगाए जा सकते हैं तथा यह 6 साटा एवं 12 यू एस बी पोर्ट की सुविधा से लेस है। इसमे अत्याधुनिक ब्राडबैंड यानी गीगाबाइट (10/100/1000 Mbits /sec) )के LAN कनेक्सन लिए ईथरनेट कंट्रोलर हैं। इसकी कीमत लगभग 5500 से 5800 तक है। इसके बाद लेते हैं प्रोसेसर और मेरी राय में इंटेल i5 661 प्रोसेसर लेना ठीक रहेगा क्योंकि इसकी स्पीड 3.33 गीगाहार्ट्ज, 4 एम बी कैच है। यह प्रोसेसर ऑन बोर्ड ग्राफिक्स वाले हमारे मदरबोर्ड के साथ जोड़ी बनाने को तैयार है। इसकी कीमत थोड़ी ज्यादा यानी 10000 रूपए के ऊपर है। मगर जरा रुकिए हम मदरबोर्ड और प्रोसेसर दोनों का कंबो पैक लेते हैं ये हमें 14500 से 15000 तक मिल जाएगा।
अब राम ले लेते हैं ट्रांसेंड, किंगस्टन, हाइनेक्स किसी भी ब्रांड का 4 जी बी का DDR 3 -1333 राम लेते हैं इसकी कीमत लगभग 3800 रुपए है। चलिए एक DVD राइटर भी ले लेते हैं। मेरे विचार में LG ब्रांड ठीक रहेगा। कीमत बस 925 रुपए है।
एक हार्ड डिस्क भी तो चाहिए ... हम सीगेट की 1 TB (टेराबाइट) 34 Mb की हार्ड डिस्क लेते हैं, कीमत बस 2750 रूपए है। सी पी यू के लिए और क्या चाहिए? फ्लॉपी ड्राइव तो चाहिए नहीं, फ़्लापी का जमाना तो कब का गुजर गया।
आइए अब जरा मॉनिटर ले लेते हैं। क्यों न ऐसा मॉनिटर लिया जाए जो LCD टी वी भी हो और HDMI की सुविधा वाला हो। LG का ऐसा 19 इंच का मॉनिटर मिल रहा है 9800 में, 21.5 इंच का रेट है 12800 रुपए और जनाब 23 इंच की कीमत है 14900 रुपए। इन सभी मॉनिटर्स में इन बिल्ट स्पीकर्स हैं।
अब रह गईं तीन चीज़ें - एक तो चाहिए कुंजी पटल, एक माउस ... क्यों न हम यहाँ भी कंबो पैक ले लें। लोजीटेक का कॉर्ड लेस कंबो पैक है 1250 रुपए का। अब रह गया यू पी एस तो जनाब न्यूमरिक का 600 वी ए का यू पी एस 1500 के आस पास है, यही ठीक रहेगा।
अब जरा हिसाब लगाएँ-
मदरबोर्ड+ प्रोसेसर 15000
राम RAM 4 GB 3800
DVD राइटर LG 925
हार्ड डिस्क 1 TB 2750
LCD टीवी मॉनिटर
23"LG 14900
कोर्डलेस कीबोर्ड+ माउस 1250
यूपीएस 1500
केबनेट 1800
केबनेट 1800
कुल योग 41925
बहुत महंगा है ना? जब आप खरीदने जाएंगे तो रिची स्ट्रीट का दुकानदार इसे असेंबल मुफ्त में कर देगा और काम चलाऊ सोफ़्ट्वेयर्स भी इंस्टाल कर देगा। मेरी राय में आप और 5 या 6 हज़ार खर्च करें और ओरिज़िनल विंडोज़-7 आपरेटिंग सिस्टम भी खरीद लें।
इसी कंप्यूटर को आप किसी ब्रांडेड कंपनी से भी खरीदकर देखें और बताएं कि कौन सा महंगा है?
इसे आप सस्ता भी बना सकते हैं। एलसीडी टीवी मॉनिटर की बजाए आप एलसीडी मॉनिटर LG 18.5" लीजिए जिसकी कीमत मात्र 5900 रूपर है। i5 प्रोसेसर की बजाए आप i3 540 प्रोसेसर खरीदिए जिसकी कीमत मात्र 5300 रुपए है। 4 जीबी राम की बजाए 2 जीबी राम खरीदिए जिसकी कीमत मात्र 1500 रुपए है। कोर्डलेस कीबोर्ड माउस की बजाए आप साधारण कीबोर्ड माउस लीजिए जो आपको मात्र 400 रुपए में मिल जाएंगे। 1 टीबी की हार्ड डिस्क के स्थान पर आप 500 जीबी की हार्ड डिस्क लीजिए जो आपको 1700 रूपए में मिल जाएगी।
इस तरह आप बचा सकते हैं लगभग 18000 रूपए और अब आपका कंप्यूटर आएगा लगभग 24 हजार रुपए में। याद रहे, आरिजिनल ऑपरेटिंग सिस्टम इसमें शामिल नहीं है।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/22/2010 06:01:00 PM
3
comments
Oct 17, 2010
सभी भारतीयों - भारतवासियों को विजयादशमी / दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/17/2010 08:20:00 AM
1 comments
Oct 16, 2010
आज सुबह का सूर्योदय
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/16/2010 07:17:00 PM
0
comments
सूरज की चाँदनी
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/16/2010 07:10:00 PM
0
comments
Oct 15, 2010
हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी "बूँद-बूँद इतिहास"
श्री मनोज भारती द्वारा अथक मेहनत से तैयार किया गया ब्लॉग "बूँद-बूँद इतिहास" हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है. कुछ लिंक्स नीचे दिए जा रहे हैं, चाहें तो आजमा सकते हैं-
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/15/2010 10:41:00 AM
0
comments
Oct 7, 2010
प्रवीण पाठमाला के पाठ 19 से 24 तक का तमिल अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lesson 19
ரமேஷ் : வாழ்த்துக்கள், இந்தத்தடவை இந்தி பட்சத்தின் (இருவாரங்கள்) நிறைவு விழாஏற்பாடு மிகவும் நன்றாக இருந்தது என்று கேள்விப்பட்டேன்.
தினேஷ் : ஆம், எல்லோருடைய தொடர்ந்த ஒத்துழைப்பினால் நிகழ்ச்சி வெற்றிகரமாயிற்று.
இம்முறை மக்களும் அதிக எண்ணிக்கையில் வந்திருந்தனர்.
அரங்கமும் மிகவும் நிரம்பியிருந்தது.
Lesson 19
ரமேஷ் : வாழ்த்துக்கள், இந்தத்தடவை இந்தி பட்சத்தின் (இருவாரங்கள்) நிறைவு விழாஏற்பாடு மிகவும் நன்றாக இருந்தது என்று கேள்விப்பட்டேன்.
தினேஷ் : ஆம், எல்லோருடைய தொடர்ந்த ஒத்துழைப்பினால் நிகழ்ச்சி வெற்றிகரமாயிற்று.
இம்முறை மக்களும் அதிக எண்ணிக்கையில் வந்திருந்தனர்.
அரங்கமும் மிகவும் நிரம்பியிருந்தது.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/07/2010 09:00:00 PM
0
comments
प्रवीण पाठमाला पाठ 13 से 18 तक का तमिल अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lesson 13
பிரகாஷ் : கேள் தீபா!
அனந்தின் தொலைபேசி எதுவும் வந்ததா?
இதற்குள் அனந்தும் அவனுடைய தோழர்களும் மனாலி போய்ச் சேர்ந்திருப்பார்கள்.
நீ அவனுடைய சாமான்களில் கம்பளி உடைகளும் கம்பளிப்போர்வையும் வைத்தாயா இல்லையா ?
Lesson 13
பிரகாஷ் : கேள் தீபா!
அனந்தின் தொலைபேசி எதுவும் வந்ததா?
இதற்குள் அனந்தும் அவனுடைய தோழர்களும் மனாலி போய்ச் சேர்ந்திருப்பார்கள்.
நீ அவனுடைய சாமான்களில் கம்பளி உடைகளும் கம்பளிப்போர்வையும் வைத்தாயா இல்லையா ?
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/07/2010 08:46:00 AM
0
comments
Oct 6, 2010
चेन्नै केंद्र पर 06 अक्टूबर 2010 को लीला हिंदी प्रबोध ऑनलाइन परीक्षा देते हुए परीक्षार्थी
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/06/2010 04:59:00 PM
0
comments
केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण उपसंस्थान, चेन्नै के लीला हिंदी प्रबोध गहन प्रशिक्षण के प्रशिक्षार्थी
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/06/2010 04:41:00 PM
0
comments
Oct 3, 2010
प्रवीण पाठमाला पाठ 7 से 12 तक तमिल अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lesson 7
நோயாளி : வணக்கம் டாக்டர் ஐயா!
டாக்டர் : வணக்கம், சொல்லுங்கள் உங்களுக்கு என்ன துன்பம்?
நோயாளி : டாக்டர் ஐயா, எனக்குச் சில நாட்களாகக் காய்ச்சல் போல தோன்றுகிறது.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
10/03/2010 01:10:00 PM
0
comments
Sep 26, 2010
करियर व रोजगार की तलाश
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/26/2010 08:57:00 PM
1 comments
चारों वेद एवं पुराण घर बैठे पाएं
वेद एवं पुराण
सभी आपके कंप्यूटर पर
चाहें तो सस्वर पाठ सुनें
लिंक नीचे दिए जा रहे हैं-
सभी आपके कंप्यूटर पर
चाहें तो सस्वर पाठ सुनें
लिंक नीचे दिए जा रहे हैं-
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/26/2010 08:55:00 PM
0
comments
समाचार 4 मीडिया.कॉम : इतना अच्छा होगा सोचा न था।
यह समाचारों का समाचार है या मीडिया के लिए समाचार, मेरे लिए इसका फैसला कर पाना मुश्किल है। आप स्वयं विचार करें ... मैं तो सिर्फ इसका लिंक दे रहा हूँ। हिन्दी दिवस पर भी समाचार 4 मीडिया में कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के गंभीर विचार हैं -
§ हॊम
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/26/2010 07:45:00 PM
0
comments
Sep 24, 2010
हिंदी और मैं
-अजय मलिक
नासूर बनकर
पाताल के किसी अंधेरे कौने में
जा बसी है ये उदासी मेरी
खरपतवारों से पटे
खेत की मेढ़ पर
बस दो-चार बचे हैं
बरसिम से पौधे
किसी उम्मीद के धोखे में
राह तकते
लंबाई से भी लंबी
हो जाती हैं रातें
ज़ख्म गहरे हैं
मगर न रोने की रियायत है
न आह भरने की इजाजत है
किसी चौराहे पर
रंगीन पोस्टरों के बीच
एक बीते साल का कलेंडर हूँ मैं
नासूर बनकर
पाताल के किसी अंधेरे कौने में
जा बसी है ये उदासी मेरी
खरपतवारों से पटे
खेत की मेढ़ पर
बस दो-चार बचे हैं
बरसिम से पौधे
किसी उम्मीद के धोखे में
राह तकते
लंबाई से भी लंबी
हो जाती हैं रातें
ज़ख्म गहरे हैं
मगर न रोने की रियायत है
न आह भरने की इजाजत है
किसी चौराहे पर
रंगीन पोस्टरों के बीच
एक बीते साल का कलेंडर हूँ मैं
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/24/2010 07:16:00 AM
0
comments
Sep 19, 2010
आप हिंदी अधिकारी हैं मगर और क्या करते हैं ?
(अशिष्ट जी की एक नई कहानी )
उनका नाम ही निरोगीलाल था। तन-मन और कर्म से अपने नाम की तरह पूरी तरह निरोग। उनकी प्रतिरोधक क्षमता इतनी की रोग के कीटाणु उनपर हमला करने की बजाय उनकी परछाई तक से दूर भागते थे। कुछ लोग उन्हें सलाह देते थे कि अपना देशी नाम थोड़ा सा टिप-टाप कर लें और तनिक स्टाइल में ज़रा सा आधुनिकता का तड़का लगाकर मिस्टर एन. जी. लाल बन जाएं तो मैनेज़री का रूतबा भी झलकने लगेगा। मगर वे अपने देशीपन से बाहर आने को तैयार नहीं थे। उनके मन पर ‘खोसला का घोसला’ के चिरोंजीलाल की अमिट छाप थी।
उनका नाम ही निरोगीलाल था। तन-मन और कर्म से अपने नाम की तरह पूरी तरह निरोग। उनकी प्रतिरोधक क्षमता इतनी की रोग के कीटाणु उनपर हमला करने की बजाय उनकी परछाई तक से दूर भागते थे। कुछ लोग उन्हें सलाह देते थे कि अपना देशी नाम थोड़ा सा टिप-टाप कर लें और तनिक स्टाइल में ज़रा सा आधुनिकता का तड़का लगाकर मिस्टर एन. जी. लाल बन जाएं तो मैनेज़री का रूतबा भी झलकने लगेगा। मगर वे अपने देशीपन से बाहर आने को तैयार नहीं थे। उनके मन पर ‘खोसला का घोसला’ के चिरोंजीलाल की अमिट छाप थी।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/19/2010 10:37:00 PM
5
comments
Sep 17, 2010
प्रवीण पाठमाला पाठ 3 से 6 तक का तमिल अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lesson 3
மோகினி : ஓ, பிரசாந்த் நீ இன்றும் மிகவும் கவலையுடன் காணப்படுகிறாயே.
ஏதேனும் கஷ்டமிருந்தால் என்னிடம் கூறு.
ஒருவேளை நான் சற்று உதவி செய்யமுடியும்.
பிரசாந்த் : ஆம், அம்மணி.
நான் ரூ.25,000/- செலுத்தி, நகர வீட்டு வசதி வளர்ச்சி ஆணைக்குழுவின் கீழ் ஒரு அடுக்கு வீடு வாங்க விண்ணப்பம் செய்திருந்தேன்.இப்போது என் பெயர் அந்தக் குலுக்கலில் வந்துள்ளது.
Lesson 3
மோகினி : ஓ, பிரசாந்த் நீ இன்றும் மிகவும் கவலையுடன் காணப்படுகிறாயே.
ஏதேனும் கஷ்டமிருந்தால் என்னிடம் கூறு.
ஒருவேளை நான் சற்று உதவி செய்யமுடியும்.
பிரசாந்த் : ஆம், அம்மணி.
நான் ரூ.25,000/- செலுத்தி, நகர வீட்டு வசதி வளர்ச்சி ஆணைக்குழுவின் கீழ் ஒரு அடுக்கு வீடு வாங்க விண்ணப்பம் செய்திருந்தேன்.இப்போது என் பெயர் அந்தக் குலுக்கலில் வந்துள்ளது.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/17/2010 12:44:00 PM
0
comments
Sep 14, 2010
हिंदी दिवस पर मुझे क्या करना चाहिए?
आप ही बताइए, आज हिंदी दिवस पर मुझे क्या करना चाहिए?
राजभाषा हिंदी इकसठ साल की हो गई. इतनी आयु में तो नाती, पोते हो जाते हैं... कभी-कभी पडपोते भी!
राजभाषा हिंदी इकसठ साल की हो गई. इतनी आयु में तो नाती, पोते हो जाते हैं... कभी-कभी पडपोते भी!
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/14/2010 09:28:00 AM
3
comments
Sep 13, 2010
प्रवीण पाठमाला विविधा 1 से 4 तक का अँग्रेज़ी अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
VIVIDHA 1
Today the consumer in our country has become more aware than before. Giving importance to the protection of the rights of consumers the Government of India made provision of the Consumer Protection Act in 1986.The matter of protection of the rights of consumers comes under the 'Consumer Affairs, Food and Public Distribution Ministry'.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/13/2010 01:35:00 PM
0
comments
प्रवीण पाठमाला पाठ 19 से 24 तक का अँग्रेज़ी अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lesson 19
Ramesh : Congratulations. I heard that this time the closing ceremony of the Hindi week was very well organised.
Dinesh : Yes, with everybody's continuous co-operation the programme was a success. This time a greater number of people were also present. The hall was jam-packed. Yes, tell me why didn't you come for the function? Didn't you receive the invitation card in time?
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/13/2010 01:32:00 PM
0
comments
प्रवीण पाठमाला पाठ 13 से 18 तक का अँग्रेज़ी अनुवाद
(सौजन्य - राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lesson 13
Prakash : Listen, Deepa. Did Anant call? By now Anant and his friends must have reached Manali. Did you keep warm clothes and a blanket in his things or not? In the month of March it must be quite cold there in the morning and evening.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/13/2010 08:43:00 AM
1 comments
प्रवीण पाठमाला पाठ 7 से 12 तक का अँग्रेज़ी अनुवाद
(सौजन्य - राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lesson 7
Lesson 7
Patient : Namaste, doctor Sahib.
Doctor : Namaste, Tell me, what is troubling you?
Patient : Doctor, since a few days I am feeling feverish. I have cough too. I don't feel hungry. I am not able to eat also.
Doctor : Since when have you been feeling like this? Patient : Since about one month.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/13/2010 08:37:00 AM
0
comments
Sep 12, 2010
प्रवीण पाठमाला पहले दो पाठों का तमिल अनुवाद
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक )
Lesson 1
இம்முறை நாங்கள் விடுமுறைப் பயணச் சலுகை எடுத்து, இந்தியாவின் கிழக்கிலுள்ள ஒரிசா செல்ல திட்டமிட்டோம்.
ஒரிசா எங்களை எப்போதும் கவர்ந்து வருகிறது.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/12/2010 08:30:00 PM
0
comments
प्रवीण पाठमाला पहले छ: पाठों का अँग्रेज़ी अनुवाद
बहुत पहले हमने प्रवीण पाठमाला का अँग्रेज़ी अनुवाद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था.पहली किस्त में पहले छ: पाठों का अँग्रेज़ी अनुवाद यहाँ दिया जा रहा है.
(सौजन्य राजभाषा विभाग एवं सी डेक)
Lesson 1
This time we made a programme to take leave travel concession and visit Orissa, situated in the east of India. Orissa has always attracted us. As we have deep faith in God, my wife and I wished to see Jagannath Puri. Along with this I also wanted to see the battle field of King Asoka’s Kalinga Victory and other historical sites. We reached Orissa is capital Bhubaneswar by train. From there we went by bus to Lord Jagannath’s town Puri . From Bhubaneswar the distance till Puri is approximately 52 kilometers.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/12/2010 08:26:00 PM
0
comments
Sep 11, 2010
तो मैं तर जाऊं ...
(इस लेख में व्यक्त विचार एक भारतीय नागरिक के नाते पूर्णत: मेरे व्यक्तिगत विचार हैं।इनका किसी सरकारी विभाग आदि से कोई संबंध नहीं है।)
जब एन सी ई आर टी में पढ़ रहा था तब भी व्यवहार कुशल नहीं था। अपने अध्यापकों का स्नेह तब भी पाया था। वे मेरी अव्यावहारिकता में कुछ अलग देखते थे जो जबरदस्त पढ़ाकुओं में नहीं होता था। मैंने मूर्खताएं भी कुछ कम नहीं की थीं। ये कहना ज्यादा सही रहेगा कि वह मेरा बिना लाग-लपेट वाला स्वाभाविक व्यवहार था। शैक्षिक एवं व्यावसायिक मार्गदर्शन डिप्लोमा पाठ्यक्रम की परीक्षा में हिंदी में लिखने वाला और विशेष योग्यता के साथ पास होने वाला शायद मैं पहला लड़का था। प्रोफ़ेसर सक्सेना जो राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा शुरू कराने वालों में से एक थे, हमारे विभागाध्यक्ष थे। डॉ बी० फालाचंद्रा हमारे कोर्स कोर्डिनेटर थे। कुल मिलाकर शैक्षिक मनोविज्ञान एवं परामर्श विभाग के लोग अपने क्षेत्र के जाने-माने विद्वान थे।
मैं हिंदी भाषा के प्रति पागल था मगर राजभाषा के रूप में हिंदी की कोई समझ नहीं थी। हिंदी शिक्षण योजना क्या है, राजभाषा विभाग क्या है? -इस सब की मुझे रत्ती भर भी जानकारी नहीं थी। मैं एक प्रशिक्षित परामर्शदाता बनकर हिंदी के लिए हिंदी शिक्षण योजना में चला आया।
आज बाईस बरस बाद यह सोचने का कोई अर्थ नहीं है कि मेरा निर्णय सही था अथवा गलत। मद्रास में पहली तैनाती हुई। दिल्ली से बहुत दूर जाने की सनक में मैं स्वेच्छा से लक्षद्वीप चला गया जहां कोई भी जाना नहीं चाहता था। वहाँ आत्मावलोकन का अच्छा अवसर मिला। वहीँ नौकरी के कायदे-क़ानून सीखने का अवसर भी मिला। वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त श्री वज़ाहत हबीबुल्ला साहेब तब लक्षद्वीप के प्रशासक थे और वे ही मेरे पहले सर्वकार्यभारी अधिकारी थे। उनकी विनम्रता और सादगी आज भी याद आती है। लक्षद्वीप के कवरत्ती द्वीप से तिरुचिरापल्ली और वहाँ से मुंबई। मुंबई में सब कुछ मिला, माँ मुंबा का आशीर्वाद भी मिला, दोस्त मिले, फ़िल्मकार-लेखक-कवि-सहयोगी-विरोधी-प्रतियोगी... इनमें बहुत सारे अच्छे थे और कुछ ऐसे भी थे जो बेमेल थे।
जब एन सी ई आर टी में पढ़ रहा था तब भी व्यवहार कुशल नहीं था। अपने अध्यापकों का स्नेह तब भी पाया था। वे मेरी अव्यावहारिकता में कुछ अलग देखते थे जो जबरदस्त पढ़ाकुओं में नहीं होता था। मैंने मूर्खताएं भी कुछ कम नहीं की थीं। ये कहना ज्यादा सही रहेगा कि वह मेरा बिना लाग-लपेट वाला स्वाभाविक व्यवहार था। शैक्षिक एवं व्यावसायिक मार्गदर्शन डिप्लोमा पाठ्यक्रम की परीक्षा में हिंदी में लिखने वाला और विशेष योग्यता के साथ पास होने वाला शायद मैं पहला लड़का था। प्रोफ़ेसर सक्सेना जो राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा शुरू कराने वालों में से एक थे, हमारे विभागाध्यक्ष थे। डॉ बी० फालाचंद्रा हमारे कोर्स कोर्डिनेटर थे। कुल मिलाकर शैक्षिक मनोविज्ञान एवं परामर्श विभाग के लोग अपने क्षेत्र के जाने-माने विद्वान थे।
मैं हिंदी भाषा के प्रति पागल था मगर राजभाषा के रूप में हिंदी की कोई समझ नहीं थी। हिंदी शिक्षण योजना क्या है, राजभाषा विभाग क्या है? -इस सब की मुझे रत्ती भर भी जानकारी नहीं थी। मैं एक प्रशिक्षित परामर्शदाता बनकर हिंदी के लिए हिंदी शिक्षण योजना में चला आया।
आज बाईस बरस बाद यह सोचने का कोई अर्थ नहीं है कि मेरा निर्णय सही था अथवा गलत। मद्रास में पहली तैनाती हुई। दिल्ली से बहुत दूर जाने की सनक में मैं स्वेच्छा से लक्षद्वीप चला गया जहां कोई भी जाना नहीं चाहता था। वहाँ आत्मावलोकन का अच्छा अवसर मिला। वहीँ नौकरी के कायदे-क़ानून सीखने का अवसर भी मिला। वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त श्री वज़ाहत हबीबुल्ला साहेब तब लक्षद्वीप के प्रशासक थे और वे ही मेरे पहले सर्वकार्यभारी अधिकारी थे। उनकी विनम्रता और सादगी आज भी याद आती है। लक्षद्वीप के कवरत्ती द्वीप से तिरुचिरापल्ली और वहाँ से मुंबई। मुंबई में सब कुछ मिला, माँ मुंबा का आशीर्वाद भी मिला, दोस्त मिले, फ़िल्मकार-लेखक-कवि-सहयोगी-विरोधी-प्रतियोगी... इनमें बहुत सारे अच्छे थे और कुछ ऐसे भी थे जो बेमेल थे।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/11/2010 05:11:00 PM
4
comments
गणपति बाप्पा मोरिया...
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/11/2010 07:09:00 AM
2
comments
Sep 10, 2010
"हिंदी पखवाड़े में हिंदी पर बवाल!" -दैनिक भास्कर से एक खबर
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/10/2010 07:46:00 PM
2
comments
Sep 4, 2010
मगर क्या करूँ ‘कंट्रोल’ नहीं होता।
कुछ कहने पर तूफान उठा लेती है दुनियाँ… मगर क्या करूँ ‘कंट्रोल’ नहीं होता।
हिंदी की तनख्वाह से जो नित अँग्रेजी शराब का आनंद उठाते हैं और अँग्रेजी के प्रति जिनका मोह बस अँग्रेजी शराब के प्रति मोह जितना है… रोज मदिरापान के बाद नशाबंदी पर प्रवचन देना जिनकी लत है और हर शाम जिसकी भी मिल जाए मुर्गे, बकरे या भैंसे की टांग चबाने के बाद अहिंसा पर भाषण देकर नकदी प्राप्त करना जिनकी नियति है… जो हिन्दी के औपचारिक और अनौपचारिक ट्यूशन्स के लिए जाने जाते हैं… जिनके वाक्यों की संरचना कुछ ऐसी होती है -
“मैं जो आपको आठ आना दिया हूँ वो उनके कहने पर दिया हूँ“…
जो हिन्दी के बड़े ठेकेदार होते या कहे जाते हैं और दिन-रात हिंदी के नदी-नाले, पुल, बंकर आदि बनाने के बड़े-बड़े ठेके जिनके नाम पर छूटते हैं… सितंबर के महीने में जिनकी ठेकेदारी कुछ ज्यादा ही फलती-फूलती है… हर साल जो इस मौसमी महीने में सैंकड़ों हिंदी के पुल रेत के घरोंदों की तरह बनवाने का ढिंढोरा पीटकर फूली-फूली चुनते और चुगते हैं… अँग्रेजी की बेहद मरी-मरी सी लहरें जिनके बनाए तथाकथित पुल वगैरा को पल भर में मटियामेट कर देती हैं… जो अपने टेंडर हमेशा अँग्रेजी में भेजते हैं… जो अँग्रेजी की मोहर को रुतबे का प्रतीक मानते हैं तथा अँग्रेजी में लिखी अपनी नामपट्टिका को देखकर गद्गद हो जाते हैं… हिंदी की दुहाई देते हुए हिंदी भाषियों तक के हिन्दी मेँ भेजे गए पत्रों के जवाब में जो अँग्रेजी पत्रों द्वारा हिंदी में कामकाज करने के नुस्खे बताते हैं और यह सब वे हिंदी की सेवा के नाम पर करते हैं… हिंदी के साथ-साथ अँग्रेजी पर भी जिनकी पकड़ उतनी ही जबरदस्त और मजबूत है जितनी सड़क पर लावारिस पड़े केले के छिलके और उस पर अनजाने में पड़ जाने वाले किसी बदकिस्मत पैर की होती है…
हिंदी के ऐसे सदाबहार ठेकेदार महापुरुषों को मेरा प्रणाम।
उनके लिए क्या आप भी कोई संदेश देना चाहेंगे?
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/04/2010 04:12:00 PM
2
comments
Sep 2, 2010
हिंदी के नए विद्यार्थियों के लिए कुछ उपयोगी सामग्री
अभी-अभी जिन्होंने हिंदी सीखना शुरू किया है उन विद्यार्थियों के लिए कुछ उपयोगी सामग्री नीचे दिए गए लिंक्स में उपलब्ध है।
Grammar New York University Virtual Hindi course एवं हिन्दी कॉर्नर से साभार
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/02/2010 08:50:00 AM
3
comments
Sep 1, 2010
तीन बेहद उपयोगी ब्लॉग
सबसे पहले मोनू का धन्यवाद जिनके माध्यम से इन तीन ब्लोग्स की जानकारी मिली। अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो नीचे दिए गए लिंक्स से इन बहुपयोगी तीनों ब्लोग्स को देखना मत भूलिएगा। इनमें आल एक्ज़ाम गुरु अंग्रेजी में है तथा शेष दोनों हिंदी में।
All Exam गुरु
सामान्य ज्ञान हिन्दी में world General Knowledge
साहित्यालोचन
All Exam गुरु
सामान्य ज्ञान हिन्दी में world General Knowledge
साहित्यालोचन
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
9/01/2010 09:01:00 PM
2
comments
Aug 31, 2010
एक दोस्त की सेवानिवृति पर ....
उनसे परिचय तो नवम्बर 2006 में फोन पर हो गया था मगर मुलाक़ात हुई जनवरी 2008 में। उनके व्यवहार में अजीब सी सादगी मगर बातों में थोड़ा सा रोष झलकता था। उन्हें शायद सबसे अधिक गुस्सा स्वयं पर आता था। अक्सर मन में कहीं गहरी उदासी को छुपाए एक दुबला-पतला सा व्यक्ति जो दिल का रोग भी गले लगा चुका था जमाने भर को ललकारने में पल भर की भी देर नहीं करता था। उस व्यक्ति के प्रति एक अजीब सी श्रद्धा मेरे मन में जगी। न जाने क्यों मुझे उनका चिडचिडापन अच्छा लगने लगा और आज श्री हरिदास चट्टोपाध्याय से मिले दो वर्ष से अधिक गुज़र जाने पर भी ऐसा लगता है कि कल ही तो उनसे मुलाक़ात हुई थी।
आज श्री हरिदास चट्टोपाध्याय सेवानिवृत हो रहे हैं, उन्होंने लंबे समय तक हिंदी की निस्वार्थ सेवा की है और पूरे दल-बल के साथ की है। उनके पोर्टब्लेयर नराकास के सदस्य सचिव के रूप में किए गए प्रयास सदैव याद किए जाएंगे। उन्होंने पोर्टब्लेयर नराकास को देश की पहली ई-नराकास होने का गौरव दिलाया। उनके सभी सदस्य कार्यालयों को जाने वाले पत्र पहले ई-मेल से पहुँचते थे और डाकखाने की बारी बहुत बाद में आती थी। उनकी सेवानिवृति के अवसर पर हिंदी सबके लिए परिवार की ओर से उनके सदैव हिंदी के योद्धा बने रहने, स्वस्थ, शांतिमय सुखद एवं सक्रिय जीवन हेतु ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।
-अजय मलिक
आज श्री हरिदास चट्टोपाध्याय सेवानिवृत हो रहे हैं, उन्होंने लंबे समय तक हिंदी की निस्वार्थ सेवा की है और पूरे दल-बल के साथ की है। उनके पोर्टब्लेयर नराकास के सदस्य सचिव के रूप में किए गए प्रयास सदैव याद किए जाएंगे। उन्होंने पोर्टब्लेयर नराकास को देश की पहली ई-नराकास होने का गौरव दिलाया। उनके सभी सदस्य कार्यालयों को जाने वाले पत्र पहले ई-मेल से पहुँचते थे और डाकखाने की बारी बहुत बाद में आती थी। उनकी सेवानिवृति के अवसर पर हिंदी सबके लिए परिवार की ओर से उनके सदैव हिंदी के योद्धा बने रहने, स्वस्थ, शांतिमय सुखद एवं सक्रिय जीवन हेतु ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।
-अजय मलिक
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
8/31/2010 10:13:00 AM
0
comments
"कश्मीर" पूजा लाखन की कविता
यह जगह क्या है?
युद्ध स्थल या वध स्थल ?
सिर पर निशाना साधे
सेना के इतने जवान
यहाँ क्यों हैं?
क्या यह हमारा ही देश है
या दुश्मन देश पर कब्जा है
खून से लथपथ बच्चे, महिलाएँ, युवा, बूढ़े
सब क्यों उठाये हुए हैं
दोनों हाथों में पत्थर ?
इतना गुस्सा
मौत के खिलाफ़ इतनी बदसलूकी
इस क़दर बेफिक्री
क्या यह फिलीस्तीन है या
लौट आया है 1942 का मंज़र
समय समाज के साथ पकता है
और समाज बड़ा होता है
इंसानी जज़्बों के साथ
उस मृत बच्चे की आँख की चमक
धरती की शक्ल बदल रही है
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर का समय बीत चुका है
और तुम्हारे निपटा देने के तरीकों से
बन गए हैं कितने दलदल,
गुप्त कब्रें और श्मशान घाट
आग और मिट्टी के इस खेल में
क्या दफ़्न हो पायेगा एक पूरा देश
उस देश का पूरा जन
या गुप्त फाइलों में छुपा ली जाएगी
जन के देश होने की हक़ीक़त
आज़ाद मन के बेबस गुलाम हो जाने की ललक
धरती के लहूलुहान होने की सूरत
मैं मक्के के खेत में भुट्टे तोड़ती
अपने कश्मीर के बारे में सोच रही हूँ
युद्ध स्थल या वध स्थल ?
सिर पर निशाना साधे
सेना के इतने जवान
यहाँ क्यों हैं?
क्या यह हमारा ही देश है
या दुश्मन देश पर कब्जा है
खून से लथपथ बच्चे, महिलाएँ, युवा, बूढ़े
सब क्यों उठाये हुए हैं
दोनों हाथों में पत्थर ?
इतना गुस्सा
मौत के खिलाफ़ इतनी बदसलूकी
इस क़दर बेफिक्री
क्या यह फिलीस्तीन है या
लौट आया है 1942 का मंज़र
समय समाज के साथ पकता है
और समाज बड़ा होता है
इंसानी जज़्बों के साथ
उस मृत बच्चे की आँख की चमक
धरती की शक्ल बदल रही है
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर का समय बीत चुका है
और तुम्हारे निपटा देने के तरीकों से
बन गए हैं कितने दलदल,
गुप्त कब्रें और श्मशान घाट
आग और मिट्टी के इस खेल में
क्या दफ़्न हो पायेगा एक पूरा देश
उस देश का पूरा जन
या गुप्त फाइलों में छुपा ली जाएगी
जन के देश होने की हक़ीक़त
आज़ाद मन के बेबस गुलाम हो जाने की ललक
धरती के लहूलुहान होने की सूरत
मैं मक्के के खेत में भुट्टे तोड़ती
अपने कश्मीर के बारे में सोच रही हूँ
-पूजा लाखन
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
8/31/2010 07:03:00 AM
0
comments
Aug 29, 2010
विन्डोज़ xp में हिंदी (यूनिकोड) सक्रिय करने में आने वाली कठिनाइयाँ और समाधान
विन्डोज़ xp में हिंदी (यूनिकोड) सक्रिय करने के लिए हम कई बार जानकारी तथा लिंक्स दे चुके हैं। जिन कंप्यूटरों में विंडोज़ एक्सपी सर्विस पैक-2 है उनमें हिन्दी (यूनिकोड) या भारतीय भाषाओं को सक्रिय करते समय सामान्यत: कोई कठिनाई नहीं आती । जब आप स्टार्ट मैन्यू -> कंट्रोल पैनल-> रीज़नल एंड लंग्वेज़ेज़ -> लेंग्वेज़ेज़ के बाद कांप्लेक्स स्किप्ट फाइल्स के चेक बाक्स को क्लिक करते हैं तो OK क्लिक करने पर आपका कंप्यूटर विंडोज़ xp प्रोफेशनल sp-2 की सी डी ड्राइव में डालने का अनुरोध करता है। सी डी से i386 की विभिन्न फाइलें स्वत: इंस्टाल हो जाती हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि win xp sp-2 की कोई भी असली/ नकली सी डी इस कार्य के लिए पर्याप्त होती है।
आजकल आपका कंप्यूटर लगातार इंटरनेट से जुड़ा होता है और win xp sp-3 स्वत: अपडेट के जरिए स्थापित हो चुका होता है तो win xp sp-2 की सी डी से काम नहीं चलता। जो सूचना प्रौद्योगिकी के एक्सपर्ट हैं वे i386 की फाइलों से काम चला सकते हैं। लेकिन एक सामान्य व्यक्ति के लिए कठिनाई पैदा हो जाती है क्योंकि आपका कंप्यूटर लगातार win xp sp-3 की सी डी मांगता है और अलग से i386 की फाइलों से भी समाधान आसानी से नहीं हो पाता। इसी तरह की समस्या win xp 64 बिट्स वाले कम्प्यूटरों में भी आती है। एक आम आदमी के लिए सरल समाधान यही है कि win xp 64 बिट्स तथा win xp pro sp-3 की सी डी भी साथ में रखी जाएँ।
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
8/29/2010 03:34:00 PM
1 comments
Aug 24, 2010
रक्षा बंधन पर सभी भाई-बहनों को शुभकामनाएं
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
8/24/2010 09:27:00 AM
3
comments
Aug 22, 2010
तुमको-उनको-उसको-सबको ओणम की शुभकामनाएं
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
8/22/2010 08:56:00 PM
0
comments
Aug 19, 2010
विक्शनरी, प्रतिभास और रचनाकार का क्या कहना !
यहाँ सबसे पहले रचनाकार का धन्यवाद जिसके माध्यम से प्रतिभास तक पहुँचना संभव हुआ। आप मान लीजिए कि हिंदी में किसी भी ऐसी सुविधा की अब कोई कमी नहीं है जो हिंदी से बचने के बहाने के रूप में आजमाई जा सके। जिद और जबरदस्ती के बूते कोई अगर अँग्रेज़ी का पिछलग्गू बने रहना चाहता है तो उसका कुछ नहीं किया जा सकता। आप स्वयं नीचे दिए गए लिंक्स से इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि नेट पर हिंदी का हलुआ, जलेबी, इमरती, बरफी, पेड़ा सब कुछ उपलब्ध है जिसका जो जितना मजा लेना चाहे मुफ्त में ले सकता है।
सबसे पहले शर्मा जी को समर्पित हरयाणवी शब्दकोश 'जाटलैंड' के सौजन्य से-हरयाणवी भाषा शब्दावली
हरयाणवी भाषा मुहावरे और लोकोक्तियां
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
8/19/2010 10:34:00 PM
0
comments
Aug 15, 2010
हम सब भारतवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं.
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
8/15/2010 01:19:00 PM
2
comments
Aug 14, 2010
भारतीय साहित्य संग्रह से दो पुस्तकें
भारतीय साहित्य संग्रह की वेब साइट पर आपको कुछ बेहद उपयोगी जानकारी मिल सकती है। अक्सर लोग हिंदी प्रकाशकों के बारे में पूछताछ करते रहते हैं, ऐसे लोगों के लिए हिंदी प्रकाशकों तथा लेखकों की सूची इस वेब साइट पर उपलब्ध है। कुछ पुस्तकें निशुल्क पढ़ने के लिए उपलब्ध हैं। इनमें बाबू देवकी नंदन खत्री की चंद्रकांता तथा हिंदी का व्याकरण प्रमुख हैं।
हिंदी व्याकरण का लिंक है- हिंदी व्याकरण पृष्ठ
/\
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
8/14/2010 07:03:00 PM
0
comments
Aug 12, 2010
हिंदी में हिंदी की ई-लर्निंग
ई-लर्निंग में इलेक्ट्रॉनिक समर्थित शिक्षा, शिक्षण और अधिगम के ऐसे सभी व्यवस्थित प्रकार शामिल हैं, जिनका उद्देश्य सीखने वाले के व्यक्तिगत कौशलों, अनुभवों, व्यवहार और ज्ञान में नेटवर्क आधारित अथवा बिना नेटवर्क के सूचना प्रोद्यौगिकी, विशिष्ट मीडिया, संचार प्रणाली, इलेक्ट्रानिक उपकरणों के माध्यम से सुधार, परिवर्तन, विकास अथवा वृद्धि करना होता है।
ई-लर्निंग मूलत: कंप्यूटर और नेटवर्क पर आधारित शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया है। इसमें निर्धारित कौशलों का विकास इंटरनेट, इंट्रानेट, विभिन्न सॉफ्टवेयर्स, ऑडियो या वीडियो टेप, उपग्रह टीवी के माध्यम से अधिगम सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इस सामाग्री में पाठ, परीक्षण, छवि, एनिमेशन, वीडियो, ऑडियो, अभ्यास की सुविधा आदि शामिल होती है। ई लर्निंग में कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षण, इंटरनेट आधारित प्रशिक्षण या वेब आधारित प्रशिक्षण सभी कुछ शामिल है।
राजभाषा विभाग ने राजभाषा के रूप में हिंदी तथा एक भाषा के रूप में हिंदी के शिक्षण-अधिगम, प्रयोग तथा व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के लिए ई-लर्निंग की उपयोगिता को काफी पहले महसूस कर लिया था। प्रारम्भ में प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ पाठ्यक्रमों के विभिन्न भारतीय भाषाओं में आडिओ कैसेट्स तैयार कर वितरित किए गए। फिर जब कंप्यूटर सहज-सुलभ होने लगे तो लीला हिंदी सोफ्टवेयर्स का विकास सी-डेक के माध्यम से कराया गया। प्राम्भ में इंटरनेट की सुविधा आसानी से उपलब्ध नहीं थी इसलिए इन सोफ्टवेयर्स के सी डी वर्ज़न तैयार किए गए। इंटरनेट की उपलब्धता जैसे-जैसे सुलभ होती गई लीला सोफ्टवेयर्स के इंटरनेट वर्ज़न भी तैयार किए गए तथा राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर निशुल्क उपलब्ध करा दिए गए।
हिंदीतर भाषा भाषियों की सुविधा तथा मातृभाषा के महत्व को ध्यान में रखते हुए लीला पाठ्यक्रमों द्वारा 14 भारतीय भाषाओं के माध्यम से इंटनेट पर हिंदी सीखने की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जा चुकी है। इन पाठ्यक्रमों का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि सीखने वाला प्रत्येक पाठ की समाप्ति पर अपना मूल्यांकन स्वयं पाठ के अंत में दिए गए परीक्षण के द्वारा कर सकता है। ई-लर्निंग के क्रम में राजभाषा विभाग की नई उपलब्धि है - लीला पाठ्यक्रमों की ऑनलाइन परीक्षा का सफलता पूर्वक आयोजन ।
-अजय मलिक
-प्रतिभा मलिक
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
at
8/12/2010 09:27:00 AM
1 comments
Subscribe to:
Posts (Atom)