Nov 26, 2011

कुछ झलकियाँ गोवा से 42वें फिल्म समारोह की








-अजय मलिक

हिन्दी होम पेज़ और कुछ और लाजवाब लिंक्स

इन लिंक्स के बारे कुछ भी कहना कम ही पड़ेगा। इसलिए बस आपके परखने के लिए इन्हें दिया जा रहा है। जरूर आज़माइगा-


http://www.hindi2tech.com/


https://sites.google.com/site/hindifontconverters/files  


http://www.youtube.com/user/hindiuniversity#g/c/3544B2DE2CA53E5D  

http://www.hindihomepage.com/index.php  



http://groups.google.com/group/technical-hindi/browse_thread/thread/c26508dc3f75e150  


http://www.sanskritweb.net/itrans/#SANS2003  


क्या-क्या नहीं किया है लोगों ने हिन्दी के लिए ... मुझे तो कभी-कभी लगता है कि सिखाना तो दूर अपनी तो अभी सीखने की भी शुरुआत नहीं हो पाई है। 
  
-अजय मलिक

Nov 23, 2011

गोवा में भारत के बयालीसवें अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह-2011 का आगाज़ आज

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्रीमती अंबिका सोनी आज गोवा में बयालीसवें भारतीय अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह-2011 के शुभारंभ के अवसर पर सुप्रसिद्ध फ्रेंच फिल्‍म निर्माता बर्ट्रेंड टैवरनियर को लाइफटाइम अचीवमेंट सम्‍मान से नवाजेंगी। इस सम्‍मान के तहत 10 लाख रुपए की राशि, स्‍क्रॉल और प्रमाण पत्र दिया जाएगा।


भारतीय अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह के निदेशक श्री शंकर मोहन ने आई.एफ.एफ.आई.-11 का पोस्‍टर को जारी करते हुए बताया कि आज (23 नवम्बर) शाम 5 बजे 42वें भारतीय अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म के उद्घाटन समारोह के अवसर पर रा.वन के जी.वन यानी शाहरुख खान भी शिरकत करेंगे।   23 नवम्बर से 3 दिसम्‍बर 2011 तक चलने वाले इस समारोह थीम है -'वसुधैव कुटुम्‍बकम' अर्थात 'समूचा विश्‍व एक परिवार'। आई.एफ.एफ.आई. के विज्ञापन का डिजाइन श्री थोटा थरानी ने तैयार किया है।

इस समारोह का आयोजन भारत सरकार द्वारा गोवा राज्‍य सरकार और आई.एफ.एफ.आई. के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्‍ठ फिल्‍मों को प्रदर्शित किया जाएगा।
 

समापन समारोह में दक्षिणी सिनेमा की प्रसिद्ध हस्‍ती सुरैया शिरकत करेंगी। उद्घाटन समारोह में 'उरूमी' फिल्‍म प्रदर्शित की जाएगी और इसमें भारतीय फिल्‍में जैसे 'रंजना अमी अर अस्‍बो ना', 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' जैसी फिल्‍मों के अलावा  कान, लोकार्नो और मॉण्ट्रियल फिल्‍म समारोहों में चर्चित हो चुकीं विश्‍व के 65 देशों की 100 से अधिक फिल्‍में प्रदर्शित की जाएँगी।
-अजय मलिक

Nov 20, 2011

केंद्रीय सरकार के सिविलियन कर्मचारियों की जनगणना

“सेन्सस ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉईस” यानी केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों की जनगणना, एक रिपोर्ट हैजिसे भारत सरकार, श्रम मंत्रालय, रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय, जामनगर हाउस, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2003 में प्रकाशित किया गया। इसमें केंद्रीय सरकार के सिविलियन कर्मचारियों के 31 मार्च 2001 तक के आँकड़े दिए गए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001 में पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्रीय सरकार के नियमित कर्मचारियों की संख्या कुछ इस प्रकार थी-

असम -76,500; मणिपुर-4,800; मेघालय-16,600; नागालेंड-6,700; सिक्किम-400; त्रिपुरा-7,200; अरुणाचल प्रदेश-2000; मिजोरम-800 यानी कुल 1,15,000 केंद्रीय सरकार के नियमित कर्मचारी/ अधिकारी थे। इन आँकड़ों का अगर थोड़ा और विश्लेषण किया जाए तो असम और मेघालय को छोड़कर शेष संपूर्ण पूर्वोत्तर राज्यों में कुल 21,900 केंद्रीय सरकार के नियमित कर्मचारी/ अधिकारी थे। ये किसी एक राज्य विशेष के रहने वाले न होकर सभी राज्यों के विभिन्न भाषा-भाषी समुदाय के होने चाहिए।

उपर्युक्त रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001 में पॉण्डिचेरी में 5,200 नियमित केंद्रीय सरकार के कर्मचारी थे। गोवा, दामन दीव में 5,900; दादरा नगर हवेली में 2,600; जम्मू-काश्मीर में 28,000 केंद्रीय सरकार के कर्मचारी थे।

वर्ष 2001 में बिहार में 1,80,200; छत्तीसगढ़ में 45,500; हरियाणा में 31,000; हिमाचल प्रदेश में 16,500; मध्यप्रदेश में 1,61,700; पंजाब में 79,000; राजस्थान में 1,64,700; उत्तर प्रदेश में 3,95,600; उत्तरांचल में 27,500; चंडीगढ़ में 16,900; अंडमान-निकोबार में 4,800 केंद्रीय सरकार के नियमित कर्मचारी थे।

यदि पिछले वर्षों में विभिन्न पदों में हुई कटौती पर विचार किया जाए तो वर्ष 2011 तक इस संख्या में कुछ प्रतिशत कमी आनी चाहिए?

मेरी जिज्ञासा का विषय यह है कि उपर्युक्त कर्मचारियों तथा अधिकारियों में कितने हिंदीभाषी अथवा हिन्दी जानने वाले रहे होंगे?

जिस रिपोर्ट के आधार पर यह आलेख तैयार किया गया है, उसका लिंक नीचे दिया जा रहा है-


- अजय मलिक

 

भारतीय पैनोरमा खंड :: iffi11:: 24 में से 7 मलयालम फिल्मों के साथ - केरल सबसे आगे

     23 नवम्बर से गोवा में शुरू हो रहे भारत के 42वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के भारतीय पैनोरमा खंड में कुल 24 कथा फिल्में तथा 21 गैर-कथा फिल्में दिखाई जाएँगी। मशहूर फिल्मकार सई परांजपे की अध्यक्षता में गठित जूरी के 10 सदस्यों  ने 21 दिन की मशक्कत के बाद 118 फिल्मों में से कुल 23 फिल्मों का चयन भारतीय पैनोरमा खंड के लिए किया। इसी के साथ इस वर्ष की सर्वश्रेष्ठ कथा फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजी गई निर्देशक सलीम अहमद की मलयालम प्रस्तुति 'आदामिन्टे मकन अबु' को परंपरानुसार सीधे प्रवेश मिला। कुल चौबीस  कथा फिल्मों में से सर्वाधिक 7 मलयालम फिल्में हैं।

     इस खंड में जहाँ हिन्दी, बांग्ला तथा मराठी की तीन-तीन फिल्में  हैं वहीं असमिया, कन्नड़, भोजपुरी,  कोंकणी, मणिपुरी, अंग्रेज़ी, तमिल तथा तेलुगु की मात्र एक-एक फिल्में ही  स्थान बना सकीं। इस खंड की हिन्दी फिल्मों में हैं- निर्देशक प्रवीण डबास की "सही धंधे गलत बंदे";तिगमांशु धूलिया निर्देशित "शागिर्द" और  जोया अख्तर निर्देशित " ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा"।

     गैर कथा फिल्मों के लिए लेखक-निर्देशक अशोक राणे की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय जूरी ने 135 फिल्मों में से जिन 21 फिल्मों का चयन किया है उनमें  सर्वाधिक 6 फिल्में हिन्दी भाषा की  हैं। इसके अलावा  अंग्रेज़ी की 4, बांग्ला, मणिपुरी, गुजराती तथा मराठी भाषा की एक-एक तथा शेष मिश्रित भाषा में बनी फिल्में हैं। 
                                                    
 -अजय मलिक

Nov 12, 2011

भारत का 42वाँ अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, 23 से गोवा में



भारत का बयालीसवाँ अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, गोवा में 23 नवम्बर 2011 से 03 दिसंबर 2011 तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान देश-विदेश की अनेक फिल्मों का प्रदर्शन विभिन्न खंडों में किया जारगा। फिल्म समीक्षकों/ मीडिया के सदस्यों के लिए पंजीकरण की ऑनलाइन सुविधा नीचे दिए लिंक पर 15 नवम्बर 2011 तक उपलब्ध है-


-अजय मलिक