Jul 31, 2009

इनसे सावधान - ये नशे की लत के मारे हैं

ये अक्सर सरकारी काम के बहाने आपके दफ्तर या बैंक में आते हैं । इनके चेहरे, मैले कुचैले कपड़ों, फटी हुई हवाई चप्पलों से सादगी और महानता फूटी पड़ती है। ये इतने शरीफ लगते हैं कि इनकी शराफत पर कोई अंगुली उठाने का साहस नहीं कर सकता। आपसे या आपके अनजान दोस्तों से ये अकेले में बेहद धीमी फुसफुसाती आवाज़ में अपने पर्स भूल आने की कथा बयान करते हैं । कभी इनका ए टी एम कार्ड अचानक काम करना बंद कर देता है। इनसे सावधान ये नशे की लत के मारे हैं।यदि आप ऐसे किसी हिंदी सेवक से त्रस्त हैं तो हमें सूचित कीजिए। इस ब्लॉग के जरिए हम आपकी बात सही जगह तक अवश्य पहुंचाने की कोशिश करेंगे. कुछ साहस आप भी तो दिखाइए.

लहरें: इंतज़ार और सही...

लहरें: इंतज़ार और सही...

पूजा उपाध्याय की अनछुई अद्भुत कविताओं के इस ब्लॉग के लिए जरुर थोड़ा वक्त निकालें। अच्छा लगेगा बिना लागलपेट की मन को छू लेने वाली हिंदी कविताएँ पढ़कर.

Jul 30, 2009

हिन्दी सीखने के लिए लिंक-1 how to start hindi learning

हिन्दी वर्णमाला सीखने के लिए यहाँ एक वेबसाइट का पता दिया जा रहा है। इस लिंक से आप अक्षरों के उच्चारण, लिखने की विधि, शब्द निर्माण आदि भी आसानी से सीख सकते हैं । एक बार प्रयास तो कीजिए .
Just click the following link to start hindi script learning
.
.
(हिन्दीभाषा.कॉम के सौजन्य से )

Jul 29, 2009

अजय मलिक की एक कविता

सच्चे का सच

साँच को आँच
झूठ को सहारा.
छल को सौ छत
आदमी की आफत
कपट से गुजारा.

बोले से बवाल,
न बोले सवाल.
चीखने से शौहरत
सुनने को लानत
सबकी मजम्मत.

किस्से पे किस्सा
न सिर न पैर.
साहब की खिदमत
खाविन्द से खार
बाकी सब यार.

कैसा नज़ारा
कितना बेचारा.
सच्चे के सच ने
बड़ी सहजता से
सच्चे को मारा.

"गुमनामी के नाम" - अशिष्ट

(आज से हम एक उपन्यास "गुमनामी के नाम" की शुरुआत कर रहे हैं. इस उपन्यास की किस्तें मासिक रूप से प्रकाशित की जाएंगी. इस उपन्यास के लेखक ने अपना नाम "अशिष्ट" बताया है. जाहिर है वास्तव में ऐसा कोई नाम संभव नहीं है. शायद लेखक को सभ्य समाज की किसी असभ्यता से शिकायत है. हमें लेखक द्वारा जैसे और जब भी आगामी अंश प्राप्त होंगे हम उन्हें प्रत्येक माह की २९ तारीख या उससे पहले किस्तवार प्रकाशित करते जाएंगे ।)

गुमनामी के नाम


"मगर मामा वो रेलगाड़ी...आज तो मैं देखकर ही रहूँगा." कहते-कहते शान मचलने लगा था. मामा यानी निहार, शान से उम्र में बस दो साल बड़ा मगर जबरदस्त जादूगर अच्छी तरह जानता था कि शान को रेलगाड़ी दिखाने का मतलब है अपनी जमी जमाई साख को स्वाहा कर देना.

Jul 28, 2009

अब तक के अनुत्तरित प्रश्न

यदि आप जानते हैं तो बताएं -
१. राजभाषा नियम १९७६ का विस्तार तमिलनाडु राज्य पर क्यों नहीं है?
२. राजभाषा नियम १९७६ के नियम-३, उपनियम-३ के अनुसार 'ग' क्षेत्र की राज्य सरकारों/व्यक्तियों के साथ किस भाषा में पत्राचार किया जाता है?
३. राजभाषा अधिनियम १९६३ की किस धारा का सबसे ज्यादा उल्लंघन होता है और क्यों?

रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाली कुछ टिप्पणियां (प्रबोध परीक्षा में अक्सर इनपर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं.)

नमूना-1

1. आदेश के लिए । for orders.
2. आवश्यक कार्रवाई के लिए । for necessary action
3. हस्ताक्षर के लिए । for signature.
4. मसौदा अनुमोदन के लिए । draft for approval.
5. अवलोकन/देखने के लिए । for perusal.

प्रबोध पाठमाला (मूल हिन्दी पाठ)

प्रबोध पाठमालासौजन्य (rajbhasha.gov.in)
पाठ - 26
कक्षा में
(प्राध्यापक का कक्षा में प्रवेश । सभी शिक्षार्थी नमस्कार करते हैं ।)
प्राध्यापक : नमस्कार, मैं हिंदी प्राध्यापक हूँ । मेरा नाम गोपाल वर्मा है ।
आपका नाम क्या है ?
कविता : मेरा नाम कविता है ।
प्राध्यापक : आप कहाँ काम करती हैं ?
कविता : मैं गृह मंत्रालय में काम करती हूँ ।

आज का सवाल - यदि आप जानते हैं तो बताएं-

1. राष्ट्रपति की ओर से काम करने वाले को राष्ट्रपति के आदेशों का पालन करना किस सीमा तक अनिवार्य है ?
2. भारत में राष्ट्रपति की ओर से काम करने वाले कितने प्रतिशत लोग राष्ट्रपति के आदेशों का पालन करते हैं ?

प्रबोध पाठमाला का अंग्रेज़ी अनुवाद

English Translation of Prabodh Paathmaala


Lesson - 26
(The lecturer enters the class. All the students wish him.)
Lecturer: Namaste, I am a Hindi lecturer.
My name is Gopal Verma. What is your name?
Kavita : My name is Kavita.
Lecturer: Where do you work?

कन्नड़ लिपि में प्रबोध पाठमाला

ಕನ್ನಡ ಲಿಪಿ ಮೆನ್ ಪ್ರಬೋದ್ ಪಾಥ್ಮಾಲಾ


ಪಾಠ - 26
ಕಕ್ಷಾ ಮೇಂ
(ಪ್ರಾಧ್ಯಾಪಕ ಕಾ ಕಕ್ಷಾ ಮೇಂ ಪ್ರವೇಶ . ಸಭೀ ಶಿಕ್ಷಾರ್ಥೀ ನಮಸ್ಕಾರ ಕರತೇ ಹೈಂ .)
ಪ್ರಾಧ್ಯಾಪಕ : ನಮಸ್ಕಾರ, ಮೈಂ ಹಿಂದೀ ಪ್ರಾಧ್ಯಾಪಕ ಹೂಂ . ಮೇರಾ ನಾಮ ಗೋಪಾಲ ವರ್ಮಾ ಹೈ .
ಆಪಕಾ ನಾಮ ಕ್ಯಾ ಹೈ ?
ಕವಿತಾ : ಮೇರಾ ನಾಮ ಕವಿತಾ ಹೈ .
ಪ್ರಾಧ್ಯಾಪಕ : ಆಪ ಕಹಾಂ ಕಾಮ ಕರತೀ ಹೈಂ ?
ಕವಿತಾ : ಮೈಂ ಗೃಹ ಮಂತ್ರಾಲಯ ಮೇಂ ಕಾಮ ಕರತೀ ಹೂಂ .
ಪ್ರಾಧ್ಯಾಪಕ : ಆಪ ಕಿಸ ಪದ ಪರ ಕಾಮ ಕರತೀ ಹೈಂ ?
ಕವಿತಾ : ಮೈಂ ಸಹಾಯಕ ಕೇ ಪದ ಪರ ಕಾಮ ಕರತೀ ಹೂಂ .
ಪ್ರಾಧ್ಯಾಪಕ : ಆಪ ಕಹಾಂ ರಹತೀ ಹೈಂ ?

तेलगु लिपि में प्रबोध पाठमाला

తెల్గు లిపి మెన్ ప్రబోద్ పతమాలా



పాఠ - 26
కక్షా మేం
(ప్రాధ్యాపక కా కక్షా మేం ప్రవేశ . సభీ శిక్షార్థీ నమస్కార కరతే హైం .)
ప్రాధ్యాపక : నమస్కార, మైం హిందీ ప్రాధ్యాపక హూఁ . మేరా నామ గోపాల వర్మా హై .
ఆపకా నామ క్యా హై ?

Jul 27, 2009

बांग्ला लिपि में प्रबोध पाठमाला

বাংলা লিপি মেন প্রবোধ পাথমালা

পাঠ - 26
কক্ষা মেং
(প্রাধ্যাপক কা কক্ষা মেং প্রবেশ . সভী শিক্ষার্থী নমস্কার করতে হৈং .)
প্রাধ্যাপক : নমস্কার, মৈং হিংদী প্রাধ্যাপক হূঁ . মেরা নাম গোপাল বর্মা হৈ .
আপকা নাম ক্যা হৈ ?
কবিতা : মেরা নাম কবিতা হৈ .
প্রাধ্যাপক : আপ কহাঁ কাম করতী হৈং ?
কবিতা : মৈং গৃহ মংত্রালয মেং কাম করতী হূঁ .

मलयालम लिपि में प्रबोध पाठमाला

"മലയാളം ലിപി മേം പ്രബൊധ് പാഠമാലാ"


പാഠ - 26
കക്ഷാ മേം
(പ്രാധ്യാപക കാ കക്ഷാ മേം പ്രവേശ . സഭീ ശിക്ഷാര്ഥീ നമസ്കാര കരതേ ഹൈം .)
പ്രാധ്യാപക : നമസ്കാര, മൈം ഹിംദീ പ്രാധ്യാപക ഹൂം . മേരാ നാമ ഗോപാല വര്മാ ഹൈ . ആപകാ നാമ ക്യാ ഹൈ ?
കവിതാ : മേരാ നാമ കവിതാ ഹൈ .

तमिल लिपि में प्रबोध पाठमाला

தமிழ் லிபி மென் பிரபோத் பாதமாலா
பாட - 26
கக்ஷா மேஂ
(ப்ராத்யாபக கா கக்ஷா மேஂ ப்ரவேஷ . ஸபீ ஷிக்ஷார்தீ நமஸ்கார கரதே ஹைஂ .)
ப்ராத்யாபக : நமஸ்கார, மைஂ ஹிஂதீ ப்ராத்யாபக ஹூ஁ . மேரா நாம கோபால வர்மா ஹை . ஆபகா நாம க்யா ஹை ?
கவிதா : மேரா நாம கவிதா ஹை .
ப்ராத்யாபக : ஆப கஹா஁ காம கரதீ ஹைஂ ?
கவிதா : மைஂ கரஹ மஂத்ராலய மேஂ காம கரதீ ஹூ஁ .
ப்ராத்யாபக : ஆப கிஸ பத பர காம கரதீ ஹைஂ ?

यदि आप जानते हैं तो बताएं-

यदि आप जानते हैं तो बताएं -
१. राजभाषा नियम १९७६ का विस्तार तमिलनाडु राज्य पर क्यों नहीं है?
२. राजभाषा नियम १९७६ के नियम-३, उपनियम-३ के अनुसार 'ग' क्षेत्र की राज्य सरकारों/व्यक्तियों के साथ किस भाषा में पत्राचार किया जाता है?
३. राजभाषा अधिनियम १९६३ की किस धारा का सबसे ज्यादा उल्लंघन होता है और क्यों?

Jul 26, 2009

"कंप्यूटर पर हिंदी में काम: इतना सरल इतना आसान कि दीवाना बना दे”

- अजय मलिक -
हम अपनी मातृभाषाओं में बातचीत किए बिना चैन नहीं पाते. लड़ाई-झगडे के दौरान अंग्रेजी हमें अजीब सी लगती है मगर लिखने-पढ़ने की बात आते ही हम पर अंग्रेजी का भूत सवार हो जाता है जिसे हम कई तरह की मजबूरियों के तर्कों से ताक़त प्रदान करते हैं . हम नेशन और नेशनल की बात भूल जाते हैं,इंटरनेशनल स्तर पर संभावित काल्पनिक समस्याएँ