क्या आप भी लक्षद्वीप को पोर्ट ब्लेयर का हिस्सा समझते हैं याकि कोचिन को चीन का कोई शहर? शायद नहीं। जो भी हो बहुत जल्दी हम आपको कोचिन से लक्षद्वीप ले चलेंगे। कोचिन केरल की व्यावसायिक राजधानी कही जा सकती है । इसे एरणाकुलम के नाम से भी जाना जाता है। पोर्ट ब्लेयर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का सचिवालय है और वहाँ मद्रास, कोलकाता या विशाखापत्तनम से जाया जा सकता है । समुद्र के रास्ते से यानी जलयान या शिप से आपको लगभग तीन दिन और तीन रातों का समुद्री सफर करना होता है जबकि हवाई मार्ग से मात्र दो घंटे में यह यात्रा पूरी हो जाती है। अंडमान की यात्रा पर अगर जा रहे हैं तो राधा नगर बीच जरूर जाएँ। यह हैवलोक द्वीप में है और हमारे देश का शायद सबसे खूबसूरत समुद्र का किनारा/ बीच है।
लेकिन लक्षद्वीप जाने के लिए आपको केरल की राह ही जाना होगा। यूँ तो कार्गो शिप कालीकट से भी जाते हैं मगर यात्रियों के लिए कोचिन हार्बर से ही शिप मिलता है। शिप से लक्षद्वीप के छत्तीस में से कुल आबाद दस द्वीपों की काम चलाऊ यात्रा तीन दिन और तीन रातों में पूरी हो जाती है। आजकल कोचिन से किंगफिशर एयरलाइन्स को उड़ान भी उपलब्ध है जो आपको अगत्ती द्वीप तक पहुंचती है और मात्र सवा-डेढ़ घंटे में।
...जाएँ तो बंगारम द्वीप जरूर देखें। यह द्वीप विशेष रूप से पर्यटकों के लिए विकसित किया गया है। समुद्र में उबलती हुई चांदी और अप्सराओं का नृत्य... मगर यह सब अभी नहीं कुछ दिनों में ...
आप तैयार रहिए हमारे साथ लक्षद्वीप की सैर के लिए ..बस कुछ ही दिनों में ...क्योंकि वहाँ जाने के लिए परमिट की भी जरूरत होती है....
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