दो दिन उधार लिए,
चुपचाप सोने के लिए ।
एक रात नींद आई नहीं
और एक रात मैं जगता रहा,
यह जानने के लिए कि आख़िर
ये नींद आती है, तो कहाँ से,
कैसे और किस रास्ते से !!!
-अजय मलिक
दो दिन उधार लिए,
चुपचाप सोने के लिए ।
एक रात नींद आई नहीं
और एक रात मैं जगता रहा,
यह जानने के लिए कि आख़िर
ये नींद आती है, तो कहाँ से,
कैसे और किस रास्ते से !!!
-अजय मलिक
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