अगर चाह में
कहीं खोट था !
कह देना था ।
नहीं निभाना
अगर लक्ष्य था !
कह देना था ।
झूठे वादे
क्यूँ करने थे !
कह देना था ।
राह तुम्हारी
अगर अलग थी !
कह देना था ।
मुझे बांध कर
जो पाना था !
कह देना था ।
मुझे मारना
गर मकसद था !
कह देना था ।
हँसी खुशी भी
मैं मर जाता !
कह देना था ।
-अजय मलिक
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