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"भारत में भारतीय भाषाएँ कब तक ?"
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क्या आप जानते हैं हमारे देश में वर्ष 1991 में तमिल बोलने वालों का प्रतिशत 6.32 था जो वर्ष 2001 में 5.91 रह गया । इस अवधि में मराठी बोलने वाले 7.45 प्रतिशत से घटकर 6.99 प्रतिशत रह गए । उर्दू बोलने वाले 5.18 से घटकर 5.01 प्रतिशत पर सिमट गए। इसी प्रकार बंगाली, तेलुगु , कन्नड़ , मलयालम, गुजराती उड़िया , असमिया बोलने वालों की संख्या में भी गिरावट आई । हमारी भाषाएँ हमारी संस्कृति से जुड़ी हैं ... क्या हमारी भाषाओं से पलायन हमारी संस्कृति और समाज के ढाँचे को प्रभावित नहीं कर रहा है? ऐसे प्रश्नों के उत्तर आपको भी तलाशने हैं । हिंदी दिवस यानी 14 सितम्बर 2009 को हम आपके विचार बिना लाग-लपेट के इस ब्लॉग पर प्रकाशित करेंगे । आप अपने विचार यूनिकोड फॉण्ट में टाइप कर नीचे दिए पते पर मेल कर सकते हैं-
-सह व्यवस्थापक
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