Jul 26, 2010

एक साल बाद

आज 'हिंदी सबके लिए' को एक साल हो गया। पहली पोस्ट याकि चिट्ठा या लेख पिछले वर्ष आज ही के दिन यानी 26 जुलाई को ही हमने प्रकाशित किया था। इस एक साल में क्या खोया और क्या पाया, इसका हिसाब लगाना तो मुश्किल है। एक ओर माननीय संसदीय राजभाषा समिति की सराहना, पाठकों, मित्रों का स्नेह...
दूसरी ओर तरह-तरह की ढ़ेर सारी बातें, जिनमें ज्यादातर निराशा पैदा करने वाली थीं... बहुत सारी तरेरती आँखें जिनमें एक अजीब सा ईर्ष्या और नफ़रत का मिला-जुला भाव...नकारने की हज़ारों कोशिशों के बीच, बेहद हतोत्साहित करने वाली परिस्थितियों के बीच हम हिंदी के सहारे एक साल तक डटे रहने में तो कामयाब हो गए, आगे ईश्वर इच्छा और उन इंसानों की भी जो ईश्वर से बस थोड़ा सा ही स्वयं को कम मानते हैं और कभी-कभी ईश्वर से बड़े होने की गफलत में भी वे कुछ न कुछ तो अर्थ का अनर्थ अवश्य ही करते हैं।

हमने आपके इस ब्लॉग में तीन विज़ेट लगाए हुए हैं यह जानने के लिए कि क्या कोई इसे देख-पढ़ भी रहा है या फिर हम भी सिर्फ अपने ख्याली पुलावों के सहारे जी रहे हैं। तीनो विज़ेट का औसत निकालने पर पता चला कि पिछले 365 दिनों में विश्व भर से प्रतिदिन औसतन 36 सर्वरों ने हिंदी सबके लिए से संपर्क साधा। इस अवधि में हमने विविध विषयों पर 334 पोस्ट प्रकाशित कीं। लगभग 75 टिप्पणियाँ भी मिलीं। लगभग 2350 लोगों नें प्रोफ़ाइलें देखीं। 31 मित्रों ने हिंदी सबके लिए का अनुसरण किया।

यह कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है मगर लंबे रास्ते पर आगे बढ़ने और बढ़ते जाने के लिए जितनी न्यूनतम ऊर्जा चाहिए वह तो इसमें अवश्य ही मौजूद है। आपके स्नेह, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करना तो पर्याप्त नहीं है मगर इसके सिवाय कुछ है भी तो नहीं। आशीर्वाद बनाए रखें और हमें साहस दें कि ब्लॉग के साथ हम वेबसाइट भी अच्छे से शुरू कर सकें।
-प्रतिभा मलिक
-अजय मलिक

1 comment:

  1. हिंदी के हित में किए जा रहे हर कोई प्रयास स्तुत्य हैं । आपके प्रयास निश्चय ही सार्थक एवं अनुकरणीय है । आशा है, एक वर्ष का अनुभव आपके मन में यह विश्वास एवं आस्था भर दें कि आपके हितैषी भी कई हैं और आपकी हिंदी सेवा से अभिभूत हैं ।
    वार्षिकोत्सव पर हार्दिक मंगलकामनाओं सहित..
    सादर

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