Oct 16, 2012

भूलना मत, तुम दुखों का हर घड़ी आभार करना

गाजियाबाद जाऊँ और गुरुवर डॉ कुँवर बेचैन से मुलाक़ात किए बिना लौट आऊँ, ऐसा हो नहीं सकता। हो यह भी नहीं सकता कि खाली हाथ आऊँ...
उनका नया गीत संग्रह "लौट आए गीत के दिन" और उसी संग्रह का एक गीत पेश है- 



3 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 02 जुलाई 2022 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति

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