श्रुतलेखन पर श्री रवि रतलामी जी की राय बदली है। राजभाषा विभाग द्वारा सीडैक से तैयार कराए गए कम से कम दो सॉफ्टवेयर्स ऐसे हैं जो उपयोगी और प्रशंसनीय हैं। पहला लीला हिंदी प्रबोध (पुराना पाठ्यक्रम) और दूसरा श्रुतलेखन। रवि जी ने कुछ दिन पूर्व कुछ छींटे मारे थे श्रुतलेखन पर मगर अब निर्मल बौछारों से उन्हें धो-पौंछ दिया है। जब रवि जैसे अनुभवी कंप्यूटर विशेषज्ञ को प्रथम प्रयास में परेशानी हो सकती है तो सामान्य प्रयोगकर्ता का क्या हाल होगा इसे आसानी से समझा जा सकता है। मुझे श्रुतलेखन ने जनवरी 2007 से अब तक बहुत बार थकाया है और बहुत बार अद्वितीय परिणाम दिए हैं। मैं रवि जी के आलेख का लिंक नीचे दे रहा हूँ जिसे श्री विजय प्रभाकर नागरकर जी ने भेजा है। रवि जी के छींटे और बौछारें श्रुतलेखन के प्रयोक्ताओं को बहुत मदद करेंगी, इसी आशा के साथ नीचे लिंक दिया जा रहा है, जरूर पढ़ें-
http://raviratlami.blogspot.in/2012/07/blog-post_27.html
कृपया ध्यान दें-
कृपया ध्यान दें-
श्रुतलेखन इंस्टालेशन से पूर्व एंटी वायरस सोफ्टवेयर निष्क्रिय कर दें। चिंता न करें, इंस्टालेशन के बाद जब कम्प्युटर रिस्टार्ट होगा तो एंटी वायरस स्वत: पुन: सक्रिय हो जाएगा। यदि वायरस आक्रमण का डर है तो इंस्टालेशन के समय इंटरनेट भी बंद रख सकते हैं।
No comments:
Post a Comment