'हिन्दी सबके लिए' का कल से चौथा वर्ष शुरू हो रहा है। इस पूर्व संध्या पर चेन्नई के दो स्थानीय समाचार पत्रों में छपी एक ख़बर के लिंक नीचे दिए जा रहे हैं। ये लिंक्स मैंने 18 जगह भेजे और प्रत्योत्तर में माननीय अग्रवाल साहब एक संदेश मिला। एक परम मित्र ने फोन पर लंबी बात की। उनसे लगभग रोज ही बात होती है और अगले दिन तक विदा लेने से पूर्व डबल्यूडबल्यूएफ़ और हिन्दी में समानता पर चर्चा होती है। ये लिंक यहाँ इसलिए दिए जा रहे हैं क्योंकि कुछ लोग अभी भी नहीं मानते कि हिन्दी सबके लिए है। मित्रो, अपनी माँ और मौसी को अपना मानें या न मानें, सच्चाई तो बदली नहीं जा सकती...
http://www.deccanchronicle.com/channels/cities/chennai/why-should-lic-staff-sign-hindi-asks-mk-392
http://www.thehindu.com/news/states/tamil-nadu/article3663329.ece
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