पूजा उपाध्याय की अनछुई अद्भुत कविताओं के इस ब्लॉग के लिए जरुर थोड़ा वक्त निकालें। अच्छा लगेगा बिना लागलपेट की मन को छू लेने वाली हिंदी कविताएँ पढ़कर.
Jul 31, 2009
लहरें: इंतज़ार और सही...
लहरें: इंतज़ार और सही...
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
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7/31/2009 12:13:00 PM
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इतने कम शब्दों में अपने बारे में इतनी अच्छी बात मैंने शायद ही कभी सुनी हो...मुझे यहाँ जगह देने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
ReplyDeleteआपके ब्लॉग का पता अजय मालिक जी ने दिया. आप वाकई हिंदी के लिए बहुत अच्छा काम कर रही हैं...अधिकारिक हिंदी के शब्द कम ही मिलते हैं. इस प्रयास के लिए धन्यवाद.
आप को अच्छा लगा. हम दोनों के लिए यह ख़ुशी की बात है . बस लिखती रहिएगा लगातार.
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