Jul 31, 2009

इनसे सावधान - ये नशे की लत के मारे हैं

ये अक्सर सरकारी काम के बहाने आपके दफ्तर या बैंक में आते हैं । इनके चेहरे, मैले कुचैले कपड़ों, फटी हुई हवाई चप्पलों से सादगी और महानता फूटी पड़ती है। ये इतने शरीफ लगते हैं कि इनकी शराफत पर कोई अंगुली उठाने का साहस नहीं कर सकता। आपसे या आपके अनजान दोस्तों से ये अकेले में बेहद धीमी फुसफुसाती आवाज़ में अपने पर्स भूल आने की कथा बयान करते हैं । कभी इनका ए टी एम कार्ड अचानक काम करना बंद कर देता है। इनसे सावधान ये नशे की लत के मारे हैं।यदि आप ऐसे किसी हिंदी सेवक से त्रस्त हैं तो हमें सूचित कीजिए। इस ब्लॉग के जरिए हम आपकी बात सही जगह तक अवश्य पहुंचाने की कोशिश करेंगे. कुछ साहस आप भी तो दिखाइए.
 कभी अचानक इनकी पत्नी के गुर्दे खराब होने लगते हैं। ये जिस अंदाज में अपनी दुःख भरी कहानी बताते हैं उससे पत्थर दिल इंसान तक पिघल उठता है। ये सबसे पहले आप से डेढ़ या दो हज़ार रूपए माँगते हैं और उसके बाद आपका बैंक एकाउंट नंबर काफी जोर देकर लेते हैं और पूरा विश्वास दिलाते हैं कि दो दिन में पैसे वापस आपके एकाउंट में जमा कर देंगे। मगर वो दो दिन कभी नहीं आते। चार छः महीने बाद ये आपसे फिर मिलते हैं मगर लिए हुए पैसों का कोई ज़िक्र तक नहीं करते और आप में इतना साहस नहीं होता कि पूछ सकें - साहेब बीवी के गुर्दों का क्या हुआ, मेरे बैंक अकाउंट में तो पैसा नहीं पहुँचा। यदि गलती से आपने कभी पूछ लिया तो आपके बड़े से बड़े साहब से परिचय होने का रौब झाड़ने से भी इन्हें कोई गुरेज़ नहीं होता।

2 comments:

  1. अच्छी जानकारी दी आपने
    धन्यवाद

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  2. आपने कमाल का ब्लॉग बनाया है बहुत बहुत बधाई .

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