गुरुवर डॉ कुंवर बेचैन जी की प्रेमगीत पुस्तक के एक गीत के ज़रिये सभी को दिवाली और दीपावली की ढेर सारी फुलझड़ियों के साथ हार्दिक शुभकामनाएँ। क्षमा याचना के साथ एक फुलझड़ी के रूप में उनके इसी गीत का बिना किसी काट-छाट के अंग्रेज़ी में मशीनी अनुवाद भी दिया जा रहा है-
चढ़ो अटारी
धीरे-धीरे
रखना दीप
संभालकर
एक शिकन
भी रह न जाये अँधियारे के गाल पर ।
पहन घाघरा, चूड़ी, बिछिया
छनका, घुँघरू पाँव
के
ज्योतित कर सारे दीपों को
अपने तन के गाँव के
चढ़ो अटारी
धीरे-धीरे
रखना दीप
सँभालकर
जैसे तुम
बेंदी रखती हो अपने गोरे भाल पर
।
करके मांग सिंदूरी अपनी
दृग में काजल आँजकर
अपने तन-मन की मूरत को
और
प्यार से माँजकर
चढ़ो अटारी
धीरे-धीरे
रखना दीप
संभालकर
ज्यों
मंहदी के फूल काढ़तीं, तुम मन के रूमाल पर ।
हँसुली, हार और लटकारा
बाजूबंद हमेल से
कह देना नथुनी-कुंडल से
सदा रहें वे मेल से
चढ़ो अटारी
धीरे-धीरे
रखना दीप
संभालकर
ज्यों तुम
विमल चाँदनी मलतीं, तन के लाल गुलाल पर।
-डा॰ कुँअर बेचैन
(-डा॰ कुँअर बेचैन की "प्रेमगीत"
पुस्तक के पृष्ठ 41 से)पहन घाघरा)), चूड़ी, बिछिया
छनका, घुँघरू पाँव के
ज्योतित कर सारे दीपों को
अपने तन के गाँव के
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप सँभालकर
जैसे तुम बेंदी रखती हो अपने गोरे भाल पर ।
करके मांग सिंदूरी अपनी
दृग में काजल आँजकर
अपने तन-मन की मूरत को
और प्यार से माँजकर
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप संभालकर
ज्यों मंहदी के फूल काढ़तीं, तुम मन के रूमाल पर ।
हँसुली, हार और लटकारा
बाजूबंद हमेल से
कह देना नथुनी-कुंडल से
सदा रहें वे मेल से
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप संभालकर
ज्यों तुम विमल चाँदनी मलतीं, तन के लाल गुलाल पर।
-डा॰ कुँअर बेचैन-
-डा॰ कुँअर बेचैन के प्रेमगीत पुस्तक से, पृष्ठ 41पहन घाघरा, चूड़ी, बिछिया
छनका, घुँघरू पाँव के
ज्योतित कर सारे दीपों को
अपने तन के गाँव के
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप सँभालकर
जैसे तुम बेंदी रखती हो अपने गोरे भाल पर ।
करके मांग सिंदूरी अपनी
दृग में काजल आँजकर
अपने तन-मन की मूरत को
और प्यार से माँजकर
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप संभालकर
ज्यों मंहदी के फूल काढ़तीं, तुम मन के रूमाल पर ।
हँसुली, हार और लटकारा
बाजूबंद हमेल से
कह देना नथुनी-कुंडल से
सदा रहें वे मेल से
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप संभालकर
ज्यों तुम विमल चाँदनी मलतीं, तन के लाल गुलाल पर।
-डा॰ कुँअर बेचैन-
-डा॰ कुँअर बेचैन के प्रेमगीत पुस्तक से, पृष्ठ 41पहन घाघरा, चूड़ी, बिछिया
छनका, घुँघरू पाँव के
ज्योतित कर सारे दीपों को
अपने तन के गाँव के
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप सँभालकर
जैसे तुम बेंदी रखती हो अपने गोरे भाल पर ।
करके मांग सिंदूरी अपनी
दृग में काजल आँजकर
अपने तन-मन की मूरत को
और प्यार से माँजकर
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप संभालकर
ज्यों मंहदी के फूल काढ़तीं, तुम मन के रूमाल पर ।
हँसुली, हार और लटकारा
बाजूबंद हमेल से
कह देना नथुनी-कुंडल से
सदा रहें वे मेल से
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप संभालकर
ज्यों तुम विमल चाँदनी मलतीं, तन के लाल गुलाल पर।
-डा॰ कुँअर बेचैन-
-डा॰ कुँअर बेचैन के प्रेमगीत पुस्तक से, पृष्ठ 41
पहन घाघरा, चूड़ी, बिछिया
छनका, घुँघरू पाँव के
ज्योतित कर सारे दीपों को
अपने तन के गाँव के
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप सँभालकर
जैसे तुम बेंदी रखती हो अपने गोरे भाल पर ।
करके मांग सिंदूरी अपनी
दृग में काजल आँजकर
अपने तन-मन की मूरत को
और प्यार से माँजकर
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप संभालकर
ज्यों मंहदी के फूल काढ़तीं, तुम मन के रूमाल पर ।
हँसुली, हार और लटकारा
बाजूबंद हमेल से
कह देना नथुनी-कुंडल से
सदा रहें वे मेल से
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे
रखना दीप संभालकर
ज्यों तुम विमल चाँदनी मलतीं, तन के लाल गुलाल पर।
-डा॰ कुँअर बेचैन-
-डा॰ कुँअर बेचैन के प्रेमगीत पुस्तक से, पृष्ठ 41
Keep lamp sanbhalkar
Climb slowly attic
Keep the lamp platform
Not a wrinkle on the cheek also should be andhiyare
Wear my ghaghra wouldn't stop, Bangle, bichiya
Chanka, toe, ghungharu
To all you jyotit dipon
Village of your Tan
Climb slowly attic
Keep lamp sanbhalkar
Looks like you're on your whites bendi holds
project
Your demand by sender
Drig anjakar in mascara
The mind of his Tan-murat
Manzarek and love
Climb slowly attic
Keep the lamp platform
Flowers of kadhtin, as manhadi you mind
handkerchief.
Helens, necklace and lektor
Bajuband from hamel
Nathuni to say-coil from the
Are they ever mail
Climb slowly attic
Keep the lamp platform
As you Bimal Moonlight on red galilee maltin, Tan
-Da॰-kunar restless
-Da॰ premgit
of the book, page 41 kunar restless