राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की वेबसाईट ने आज एक नए युग में प्रवेश किया है। सब कुछ इतना प्रीतिकर, सुखद, आकर्षक और उपयोगी है कि इसे कायाकल्प कहने में कोई संकोच नहीं है। राजभाषा हिन्दी से संबन्धित जो भी चाहिए मुखपृष्ठ से एक क्लिक करने भर से पाया जा सकत है। वेबसाईट के हर कोण से राजभाषा के रूप में हिंदी का रूतबा साफ़ नज़र आता है.
राष्ट्रपति जी के आदेश हों या राजभाषा भारती के अंक...इस वर्ष के क्षेत्रीय सम्मेलन हों या पिछले कई वर्षों के सम्मेलन...फोटो गैलरी हो या वार्षिक कार्यक्रम वगैरा सभी कुछ मौजूद है और पूरी बेबाकी के साथ।
-और सबसे बड़ी बात मुखपृष्ठ पर ही हिंदी के अनगिनत सितारों के साथ, चार नहीं पूरे पांच चमकते चाँद भी अपनी भरपूर चाँदनी के साथ मौजूद हैं - भारतेंदु हरिश्चंद, महादेवी वर्मा, मुंशी प्रेमचंद, महात्मा गांधी और महावीर प्रसाद द्विवेदी ...
वर्ष 2011-12 का वार्षिक कार्यक्रम भी आज जारी कर दिया गया है। इस वार्षिक कार्यक्रम में सभी मदों के लक्ष्य बेहद व्यवस्थित और तार्किक रूप में निर्धारित किए गए हैं। हिंदी में डिक्टेशन के लक्ष्य क, ख, और ग क्षेत्र के लिए क्रमश: 65, 55 और 30 प्रतिशत निर्धारित किए गए हैं ताकि उपर्युक्त क्षेत्रों के लिए निर्धारित हिंदी पत्राचार के 75 से 100 , 75 से 90 और 55 प्रतिशत लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी हो।
इसी प्रकार हिंदी पुस्तकों की खरीद के लिए निर्धारित 50 प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यापक संभावनाएं सृजित करते हुए सभी प्रकार के हिंदी / इंडिक सॉफ्टवेयर, सी डी, डी वी डी यहाँ तक कि पैन ड्राइव्स तक के लिए छूट दी गई है।
शत-प्रतिशत हिंदी में कार्य करने के लिए विनिर्दिष्ट किए जाने वाले अनुभागों के मामले में बेहद सहजता के साथ समस्या समाधान करते हुए नए वित्तीय वर्ष के लिए क, ख, ग क्षेत्र के कार्यालयों के लिए क्रमश: 40, 30 तथा 20 प्रतिशत अनुभागों को समस्त कार्य हिन्दी में करने का लक्ष्य रखा गया है। जिन कार्यालयों में कोई अनुभाग नहीं हैं वहाँ क्षेत्रवार कार्यालय के संपूर्ण कार्य का 40 , 30 तथा 20 प्रतिशत कार्य हिंदी में करने का लक्ष्य रखा गया है।
इतने व्यवस्थित और व्यवहारिक प्रयासों में राजभाषा विभाग की माननीय सचिव जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जिन वरिष्ठ अधिकारियों एवं कार्मिकों ने अथक परिश्रम किया है वे सभी बधाई के पात्र हैं।
राष्ट्रपति जी के आदेश हों या राजभाषा भारती के अंक...इस वर्ष के क्षेत्रीय सम्मेलन हों या पिछले कई वर्षों के सम्मेलन...फोटो गैलरी हो या वार्षिक कार्यक्रम वगैरा सभी कुछ मौजूद है और पूरी बेबाकी के साथ।
-और सबसे बड़ी बात मुखपृष्ठ पर ही हिंदी के अनगिनत सितारों के साथ, चार नहीं पूरे पांच चमकते चाँद भी अपनी भरपूर चाँदनी के साथ मौजूद हैं - भारतेंदु हरिश्चंद, महादेवी वर्मा, मुंशी प्रेमचंद, महात्मा गांधी और महावीर प्रसाद द्विवेदी ...
वर्ष 2011-12 का वार्षिक कार्यक्रम भी आज जारी कर दिया गया है। इस वार्षिक कार्यक्रम में सभी मदों के लक्ष्य बेहद व्यवस्थित और तार्किक रूप में निर्धारित किए गए हैं। हिंदी में डिक्टेशन के लक्ष्य क, ख, और ग क्षेत्र के लिए क्रमश: 65, 55 और 30 प्रतिशत निर्धारित किए गए हैं ताकि उपर्युक्त क्षेत्रों के लिए निर्धारित हिंदी पत्राचार के 75 से 100 , 75 से 90 और 55 प्रतिशत लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी हो।
इसी प्रकार हिंदी पुस्तकों की खरीद के लिए निर्धारित 50 प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यापक संभावनाएं सृजित करते हुए सभी प्रकार के हिंदी / इंडिक सॉफ्टवेयर, सी डी, डी वी डी यहाँ तक कि पैन ड्राइव्स तक के लिए छूट दी गई है।
शत-प्रतिशत हिंदी में कार्य करने के लिए विनिर्दिष्ट किए जाने वाले अनुभागों के मामले में बेहद सहजता के साथ समस्या समाधान करते हुए नए वित्तीय वर्ष के लिए क, ख, ग क्षेत्र के कार्यालयों के लिए क्रमश: 40, 30 तथा 20 प्रतिशत अनुभागों को समस्त कार्य हिन्दी में करने का लक्ष्य रखा गया है। जिन कार्यालयों में कोई अनुभाग नहीं हैं वहाँ क्षेत्रवार कार्यालय के संपूर्ण कार्य का 40 , 30 तथा 20 प्रतिशत कार्य हिंदी में करने का लक्ष्य रखा गया है।
इतने व्यवस्थित और व्यवहारिक प्रयासों में राजभाषा विभाग की माननीय सचिव जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जिन वरिष्ठ अधिकारियों एवं कार्मिकों ने अथक परिश्रम किया है वे सभी बधाई के पात्र हैं।