Jan 29, 2013

जिसके अधर पर प्यास है - डॉ कुँअर बेचैन

(फेसबुक से डॉ कुँअर बेचैन का एक गीत  )
जिसके अधर पर प्यास है
उसके नयन में नीर है
यह व्यक्ति का इतिहास है, ये व्यक्ति की तक़दीर है।

हर रूपदर्शी आँख को
प्रतिपल पलक-बंधन मिला
चन्दन घिरा है सर्प से
हर सर्प को चन्दन मिला
हर दिल दुखी शाहेजहाँ
हर दर्द आलमगीर है
यह व्यक्ति का इतिहास है, यह व्यक्ति की तक़दीर है।

जो भी उजाला कर रहा
उसको मिला घर आग का
हर दीप के सर पर मुकुट
काले धुएँ के नाग का
हर राम पर वनवास है
हर जानकी पर पीर है
यह व्यक्ति का इतिहास है, यह व्यक्ति की तक़दीर है।

जो भी उड़ा पंछी उसे
फिर नीड़ में आना पड़ा
हर सांस जो हमको मिली
वापस उसे जाना पड़ा

जिस पर खुला आकाश है
उस पर कहीं ज़ंजीर है
यह व्यक्ति का इतिहास है, यह व्यक्ति की तक़दीर है।

-कुँअर बेचैन

[डा॰ कुँअर बेचैन के प्रेमगीत नामक गीत-संग्रह से] पृष्ठ 90-91

No comments:

Post a Comment