Mar 31, 2014

देवनागरी लिपि और हिंदी वर्तनी का भारतीय मानक

देवनागरी लिपि और हिंदी वर्तनी का भारतीय मानक अगस्त, 2012 में तैयार किया गया था। अनेक महान हिंदी विद्ववानों के अथक परिश्रम और समर्पण के बाद भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जारी आईएस/IS 16500 : 2012 की प्रति रुपए 180.00 में प्राप्त की जा सकती है। हमारे विद्वजन काम पूरा कर मुक्त हो जाते हैं और फिर पलटकर कभी नहीं देखते। मैं महा अज्ञानी सभी से क्षमा प्रार्थना के साथ निवेदन करना चाहता हूँ कि यदि कोई व्यक्ति अर्थात हिंदी लेखक या साहित्यकार या पत्रकार या सरकार या कवि या उपन्यासकार ...गद्यकार या पद्यकार ... --कार या ---कार मानकीकृत हिंदी लिपि या हिंदी वर्तनी का प्रयोग नहीं करता है तो
क्या उसपर बीआईएस मानकों के उल्लंघन के लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है?

ढेर सारे और भी कष्ट हैं -

जैसे -
उपर्युक्त मानक के पैरा- 3.4.2 में के लेखन की विधि और मानक अक्षर में कोई समानता क्यों नहीं है?



पैरा 4.2  कारक चिह्न या परसर्ग  शीर्षक के तहत मानकीकृत रूप में  मुझको सही है मुझ को गलत है। संदेह इस बात पर है कि  मुझे किस खेत की मूली है - यह नहीं बताया गया है। यदि किसी को हमारी बेटी लिखना है तो मानकीकृत रूप में शायद (!) हमकी बेटी लिखा जाना चाहिए...


वगैरा-वगैरा ...

सभी विद्वाजनों से, मैं जो पीछे रह गया हूँ,  उसे नहीं, उसको, एक बार पीछे मुड़कर देखने और देवनागरी के मानकीकृत मानकों पर फिर से एक नज़र डालने की प्रार्थना है...
- अजय मलिक 

नव संवत्सर 2071, नवरात्रों एवं गुढ़ी पड़वा की हार्दिक शुभकामनाएँ...

कई मित्रों ने कई तरह से शुभकामनाएँ भेजी हैं। हमारी ओर से भी सभी को ढेर सारी शुभकामनाएँ-

Mar 20, 2014

राजभाषा विभाग ने जारी किया वर्ष 2014-15 का वार्षिक कार्यक्रम :: वर्ष 2015 में हिन्दी शिक्षण योजना बंद करना प्रस्तावित

Hindi Teaching Scheme is proposed to end in calendar year 2015,therefore Hindi, Hindi Typing / Stenography training may be expedited and all concerned to be trained within stipulated time period so that the targets are achieved within the prescribe time frame. 

(राजभाषा विभाग की वेबसाइट www.rajbhasha.gov.in से साभार )


हिन्दी में डाउनलोड के लिए लिंक

अँग्रेजी में डाउनलोड के लिए लिंक

2014-15
FOR TRANSACTING THE OFFICIAL WORK OF THE UNION IN HINDI
ANNUAL  PROGRAMME
MINISTRY OF HOME AFFAIRS 
DEPARTMENT OF OFFICIAL LANGUAGE
www.rajbhasha.gov.in


Mar 15, 2014

हाँ, मैं अछूत हूँ

हाँ, मैं अछूत हूँ
सबसे अलग हूँ

मेरे पिता के
पिताओं के पिता
भी वही थे
न जाने मनीषी थे
कि मनु थे
किसी ने कहा
वे भी थे, शायद
माँ धरती थी
वे अंबर थे

महाप्रलय पर
बस वे ही बचे थे