(1)
सही है
तो बहुत है
बस एक सही
चाहे फिर
और एक
न सही
(2)
एक
कलम से
कौम
कलम हो गई
एक
कलम से
कौम
कलमी हो गई
एक
कलम से
सारे कमल
खिल उठे
एक
कलम से
दुनिया
कमली हो गई
(3)
थक गईं
सरकार
और सोती रहीं
रात-दिन
सड़कें
कफ़न ढोती रहीं
सरकार
और सोती रहीं
रात-दिन
सड़कें
कफ़न ढोती रहीं
(4)
नहीं,
वह अबला नहीं थी
जो बस कायरों के
काफ़िले में
घिर गई।
वह अबला नहीं थी
जो बस कायरों के
काफ़िले में
घिर गई।
क्या बात है जी
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