देश की राजभाषा हिंदी को पूरा मान-सम्मान तभी मिलेगा, जब यह भाषा देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई जाएगी। इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग का गठन हो, लेकिन विडम्बना यह है कि देश को आजाद हुए 60 साल से भी अधिक हो चुके हैं, लेकिन आज तक देशभर में स्थित आधे से अधिक विश्वविद्यालयों में हिंदी विभाग का गठन भी नहीं हुआ। आज समय की मांग है कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग का गठन हो। यह मांग देश की सबसे बड़ी पंचायत में राज्यसभा सांसद डॉ. रामप्रकाश ने उठाई। - दैनिक ट्रिब्यून
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