Aug 1, 2009

"बात" पर अशिष्ट जी के दो शे'र

बात की बात में जिन्दगी गुज़र जाएगी
बे बात किए मैं ये बता आया था उसे।

क्या बताएं कि किस बात से दिल टूटा था
बेवफा से तो कोई बात बताई न गई।

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