राजभाषा उन्नयन के लिए समर्पित एक मात्र गतिशील ठिकाना दो समर्पित व्यक्तियों के निरंतर श्रम, समर्पण और निष्ठा का सुफल है। निरंतर नवाचारों का प्रयोग श्रद्धापूर्वक स्वागत योग्य है। अग्रज अजय जी और भाभी जी प्रतिभा जी का आंतरिक श्रद्धापूर्वक हार्दिक अभिनंदन ।
राजभाषा उन्नयन के लिए समर्पित एक मात्र गतिशील ठिकाना दो समर्पित व्यक्तियों के निरंतर श्रम, समर्पण और निष्ठा का सुफल है। निरंतर नवाचारों का प्रयोग श्रद्धापूर्वक स्वागत योग्य है। अग्रज अजय जी और भाभी जी प्रतिभा जी का आंतरिक श्रद्धापूर्वक हार्दिक अभिनंदन ।
ReplyDeleteडॉ जय शंकर बाबू जी, यह ब्लॉग आपके सहयोग, प्रोत्साहन और प्रेरणा की ही देन है।
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