भारत
के 44वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव, 2013 के भारतीय पेनोरमा खंड के लिए 26 कथा फिल्में तथा
16 गैर फीचर फिल्मों का चयन किया गया है। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और संपादक
श्री बी लेनिन के नेतृत्व में 210 योग्य प्रविष्टियों में से नौ सदस्यीय जूरी ने 21 दिन में अंतिम 25 फिल्मों का चयन
किया। निर्देशक श्री तिगमांशु धूलिया की हिंदी कथा फिल्म “पान सिंह तोमर” का चुनाव 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्काररों में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार जीतने के कारण सीधे किया गया।
इसे मिलाकर कुल 26 कथाफ़िल्मों का प्रदर्शन 20 से 30 नवंबर, 2013 तक गोवा में सम्पन्न होने
वाले अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में किया जाएगा। कथा फिल्मों में मलयालम की सर्वाधिक
6, हिन्दी और बांग्ला की 5-5, मराठी की
3, तमिल, कोंकणी,
कन्नड, ओड़िया, मीसिंग की की 1-1 तथा 2 द्विभाषी
फिल्में क्रमश: अँग्रेजी/ हिन्दी एवं अँग्रेजी/ कोंकणी की हैं। हिन्दी कथाफ़िल्मों में
पानसिंह तोमर के अलावा, ओह माई गॉड, भाग
मिल्खा भाग, लिस्टेन अमाया, और जल हैं।
श्री राजा सेन की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय जूरी ने 130 गैर कथा फिल्मों में से 15 फिल्मों को चुना तथा 60 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों
में सर्वश्रेष्ठ गैर कथा फिल्म का
पुरस्कार जीतने वाली राजा शब्बीर खान निर्देशित “शैपार्ड्स ऑफ पैराडाइज़” को 16वीं फिल्म के रूप में सीधे प्रवेश मिला। इस वर्ग में चयनित फिल्मों में सर्वाधिक 5 फिल्में हिन्दी
की हैं। शेष में मलयालम और अँग्रेजी की 3-3, मराठी और कश्मीरी भाषा की 2-2 और कुदुख की 1 फिल्म हैं।
-अजय मलिक
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