अगस्त 2014 का अंतिम दिन है और मैं चुप हूँ। अगस्त में एक भी पोस्ट नहीं ! कुछ भी नहीं ...एक अजीब सी बोरियत...सभी कुछ से विरक्ति...यह कोई अच्छा लक्षण तो नहीं है। अजीब सा दौर है ये। लगता है कि सांस लेने पर भी पाबंदी है। तीन दिन की छुट्टियों में बहुत सारा काम करना था मगर कुछ भी नहीं हुआ। अब जिंदगी शायद यूं ही निकल जाएगी।
Aug 31, 2014
आखिर क्या लिखूँ !!
Posted by:AM/PM
हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
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8/31/2014 09:07:00 PM
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