Aug 8, 2013

पीले फूलों का सफर और बेचारा दद्दू सिंह

पता चला कि फूल तो अपनी सही जगह पहुँच गए मगर तीसरी बार भी बेचारे दद्दू सिंह की लाटरी का टिकट नकली ही निकला।
यह कलकत्ता में घटित सच्ची घटना है। दद्दू सिंह एक सरकारी दफ्तर में चपरासी था। बीड़ी पीने का शौकीन दद्दू सिगरेट को तोबा बोलता था। एक दिन सुबह वह पूरी टीम-टाम के साथ आया और साहब के सामने वाली कुर्सी पर तनकर बैठ गया। साहब ने उसके चमचमाते कपड़ों से आ रही तीखे सेंट की ख़ुशबू को बख़ूबी महसूस करते हुए तनिक हैरानी से देखा तो दद्दू सिंह बोला- " पंद्रह लाख की लॉटरी निकाल आई है इसलिए इस्तीफा देना चाहता हूँ।" 
 
(शेष भाग फिर कभी)

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