कुत्ते की दुम पर किसका
सर्वाधिकार सुरक्षित है, इसकी जानकारी
मुझे नहीं है। कुछ कहते हुए डर रहा हूँ कि कॉपी राइट उल्लंघन के किसी चक्कर में न पड़ जाऊँ।
कुत्ते की दुम की कहानी सभी जानते
हैं मगर यह कोई नहीं बताता कि इस पर सर्वाधिकार यानी कॉपी राइट किसका है। जिनका भी
है वे मुझे क्षमा करते हुए बताएं कि उन्हें यह वहम कब हुआ कि जब बारह बरस तक टेढ़ी दुम सीधी नली अर्थात पाइप में थी तब वह किसी एक वर्ष, किसी एक दिन, किसी एक क्षण के लिए सीधी हो गई थी?
पाइप में सीधापन था मगर दुम तो वही घुमावदार टेढ़ी की टेढ़ी ही रही होगी। सीधी नली के सीधेपन से जनाब
गच्चा खा गए होंगे और वहम के शिकार हो गए
होंगे कि दुम भी सीधी हो गई है। कुत्ते की वह दुम ही क्या जो सीधी हो जाए। ये और बात है कि टेढ़ी,
तिरछी दुम से प्रभावित होकर आजकल पाइपें हर तरह की तिरछी-घुमावदार-स्प्रिंगदार आने लगी हैं। दुम को बारह बरस की बजाय तेरह, चौदह, बीस बरस या
अपने जीवन के बाकी बचे-खुचे वर्षों तक भी किसी भी कठोरतम धातु, प्लास्टिक, फाइबर वगैरा की नली में रखिए, चाहें तो सीमेंटिड करा लीजिए, अगर वह असली दुम
है तो हर तरह की पाइप को बदल डालेगी मगर अपना स्वाभाविक टेढ़ापन कभी न छोड़ेगी। हो सकता है इतने
सालों में पाइप ही गल-गला कर धुआँ-धुआँ हो जाए। कुत्ते की दुम अमर है, उसका टेढ़ापन अजर-अमर है। उसका कोई सानी नहीं, उसका मुक़ाबला कोई कर ही नहीं सकता। उसके सात्विक टेढ़ेपन
का सर्वाधिकार भी सुरक्षित है। आखिर दुम कुत्ते की जो है। दुम से कुत्ता है या कुत्ते
से दुम है, इसका आंकलन आप कीजिए। मैं तो बस इतना जानता हूँ कि
आजकल विज्ञान ने इतनी तरक्की तो कर ही ली है कि बारह साल में सैंकड़ों बिना दुम वाले कुत्तों की नई नस्लें विकसित की जा सकती हैं। समस्या
दुम नहीं बल्कि उसका टेढ़ापन है जिसे दुम के रहते सही नहीं किया जा सकता। इसलिए या तो बिना दुम
वाला कुत्ता विकसित कीजिए या फिर कुत्ते की दुम को जड़मूल से उखाड़ फेंकिए । बारह साल के चक्कर को
छोड़िए और सीधी नली को भी इतनी लंबी तपस्या के धर्मसंकट से बचाइए। मगर आप ऐसा कर तभी सकते हैं जब आपको दुम हिलाने वाले
कुत्ते नापसंद हों। कुत्ते की वफादारी की परिचायक भी तो हिलती हुई दुम ही होती है और
जब वह हिलेगी तो अपना स्वभाव छोड़कर टेढ़ी हुए बिना कैसे रह सकती है भला?
- अजय मलिक
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