पूछते हैं लोग अक्सर..
पूछते हैं
लोग अक्सर
घर कहाँ है ?
क्या बताऊँ !
दरिया के
रिसते किनारे,
ख़ाली खड़ी
इन बस्तियों में,
दर कहाँ है !
घर कहाँ है !
बचपन की
ठंडी रातों में
तड़पता,
मेरी यादों में
सिसकता
.. बचपन..
गाँव का
टप-टप टपकता,
वो ओसारा..
अब कहाँ है !
घर कहाँ है !
मैं कहाँ हूँ !
-अजय मलिक
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