Sep 10, 2018
Jul 10, 2018
भारतीय भाषाओं के भविष्य को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता है।
जनगणना के आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 वर्षों में हिन्दी को मातृभाषा मानने वालों की संख्या 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हिन्दी के अतिरिक्त केवल तीन ही अन्य भाषाएँ क्रमश: गुजराती, कश्मीरी और मणिपुरी हैं जिनके बोलने वालों की संख्या मामूली तौर पर बढ़ी है। यह घबराहट का विषय है कि तमिल, मलयालम जैसी समृद्ध भाषाओं के बोलने वालों का प्रतिशत घटा है। हमें भारतीय भाषाओं के भविष्य को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता है।
सौजन्य : जनगणना निदेशालय
Mar 31, 2018
आपका मनचाहा कुंजीपटल और बहुत सारे कुंजीपटल- आजमाइए तो सही
कुछ मित्रों की मांग पर एक बार फिर से हम
बेहद सरल ढंग से यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि आप अपने कंप्यूटर में हिन्दी
एवं अन्य भारतीय भाषाओं को बिना किसी अतिरिक्त व्यय के कैसे सक्रिय करें तथा कैसे
मन चाहा कुंजी पटल रेडीमेड अथवा स्वनिर्मित प्रयोग में लाएँ।