Oct 16, 2012
भूलना मत, तुम दुखों का हर घड़ी आभार करना
गाजियाबाद जाऊँ और गुरुवर डॉ कुँवर बेचैन से मुलाक़ात किए बिना लौट आऊँ, ऐसा हो नहीं सकता। हो यह भी नहीं सकता कि खाली हाथ आऊँ...
उनका नया गीत संग्रह "लौट आए गीत के दिन" और उसी संग्रह का एक गीत पेश है-
2 comments:
Onkar
July 2, 2022 at 1:58 PM
बहुत सुंदर प्रस्तुति
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सु-मन (Suman Kapoor)
July 2, 2022 at 11:12 PM
बहुत सुंदर
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ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति
बहुत सुंदर
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