Oct 30, 2011

खाली मन के कई सवाल और मन-मन भर के कई उत्तर मनके

आदमी सोचता कुछ है, करता कुछ है और होता कुछ है। गाँव, घर, बूढ़े बाबा (दादा) और बड़े मामा की जब याद आती है तो अतीत के ढेर सारे पन्ने फड़फड़ाते पंखों की तरह खुलते चले जाते हैं। चौमासे के हफ्तों तक चले झड़ (लगातार झर-झर झरती बूदों ) के बाद नीले खुले आसमान तले, पानी के तेज प्रवाह से बहकर आई मिट्टी से बनी गोल मसनद सी पर कूदना और घुटनों तक मिट्टी में धँस जाना। ढेंचे के वे बड़े-बड़े हरे पौधे, ज्वार के आठ-दस फुट लंबे हरे पेड़ या पोधे, सुबह-सुबह न्यार (चारा) लेने सिद्धों या लालावाले  खेतों पर जाना। वो बड़ी-बड़ी गड्डियाँ सिर पर लादे, गर्दन ताने दौड़ने के मानिद चलना... फिर स्कूल के लिए जैसे-तैसे भागना। स्कूल से आने पर बड़े बाबा (ताऊ) का हुक्का ताजा करने, चिलम भरने का आदेश। शाम को भैंस का दूध दूहने  के लिए घंटों बैठे रहना... मच्छर ही नहीं डांस तक के डंक झेलना... सुबह-शाम कुएँ पर बाल्टी से पानी खींचकर नहाना। बरसात में कुआँ ऊपर तक भर जाता था, गज भर की रस्सी पानी खिचने के लिए काफी होती थी। काफी लोग एक साथ अलग-अलग बाल्टी लिए कुएँ पर नहाया कराते थे... वह कुआँ, उसके सामने की खुली जगह सब न जाने किस-किसने कब्जा ली है... अब वह रौनक कहीं भी नज़र नहीं आती। गाँव के लोग आज स्नेह भरी नज़रों से देखते नहीं, बल्कि संदेह भरी निगाहों से घूरते हैं। पिछले दिनों कृष्णबीर से बात हुई ... दशकों पहले वह मध्यप्रदेश पुलिस में भर्ती हो गया था... उसने बताया इस बार भी गाँव के चारों और रौह आ गई थी, खूब बरसा मेह इस बार... मगर वे छप्पर, वे ओसारे, वह छान अब गाँव में कहीं नहीं जो गाँव को गाँव होने का गौरव देते थे... 
कल मोटी-मोटी नमकीन रोटियाँ बनवाईं और प्याज की गंठी के साथ खाईं...इसे आप सनक कह सकते हैं... मुँह और गला प्याज से अभी तक जला हुआ है, मगर जो आनंद मिला उसे बयान नहीं किया जा सकता। आज शहरी हो जाने के बाद सब कुछ बनावटी सा हो गया है... मिट्टी से जीवन भर आदमी भागता फिरता है और अंत में उसी मिट्टी में शरण पाता है... चांदी-सोना कितना ललचाता है, मगर अंतत: सब मिट्टी हो जाता है।          

लिनक्स और भारतीय भाषाओं के लिए यूनिकोड

        लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम्स वाले कंप्यूटरों पर भी भारतीय भाषाओं में यूनिकोड में काम करने में कोई कठिनाई नहीं है, यहाँ कुछ लिंक्स देकर आपको सीधे लिनक्स की दुनिया तक पहुँचाया जा रहा है -
http://www.cdacmumbai.in/projects/indix/n_download.shtml

        "इंडिक्स" प्रस्तावना से साभार एक पैरा यहाँ दिया जा रहा- "टीडीआईएल कार्यक्रम के अंतर्गत संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा निधिक इंडिक्स परियोजना का मुख्य उद्देश्य है, नि:शुल्क सॉफ्टवेयर तथा खुले प्लैटफार्म और प्रणालियों के द्वारा भारतीय भाषाओं के कम्प्यूटिंग अनुप्रयोगों का बड़े पैमाने पर उपयोग उपलब्ध करना। इस परियोजना का विशिष्ट एवं तात्कालिक लक्ष्य है, यूनीकोड (UNICODE) तथा इस्की (ISCII) कूटों का प्रयोग करते हुए लिनक्स ऑपरेटिंग प्रणाली के योग्य अंगभूतों का स्थानीकरण, ताकि 12 मुख्य भारतीय भाषाओं के विषय विस्तु का सृजन, सम्पादन, अवलोकन तथा मुद्रण किया जा सके। ये 12 भाषाएं है- असमिया, बंगला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल और तेलुगु। इंडिक्स परियोजना के पहले चरण में भारतीय लिपियों, विशेषकर हिंदी भाषा, की विशेषताओं को उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया गया"
        नीचे कुछ लिंक्स दिए जा रहे हैं, उनके लिए, जो लिनक्स जैसे मुद्दों पर आगे पढ़ना और बढ़ना चाहते हैं । इनके माध्यम से कई व्यावहारिक समस्याओं के समाधान पाए जा सकते हैं। निशुल्क उपलब्ध यह सामग्री कितनी उपयोगी है, यह आप स्वयं आजमाइए-


http://epandit.shrish.in/labs/Indic-IME-Lite

       इसके अलावा नीचे दिए गए लिंक से यदि चाहें तो तीन चीजें डाउन लोड करें-

1. remington-installer

2. Linux pocket guide in Hindi

3. Converter-Training
और लिंक है-
http://cid-60eace63e15a752a.office.live.com/self.aspx/.Public/remingt...


-अजय मलिक



Oct 26, 2011

कुछ दीप जलाओ तुम भी, कुछ दीप जलाएँ हम भी

हर घर में उजियारा भरने
कुछ दीप जलाओ तुम भी
जग भर को उजियारा करने

Oct 19, 2011

यदि विंडोज XP में लैंग्वेज़ बार गायब हो जाए...

टास्क बार से यदि लैंग्वेज़ बार गायब हो जाए तो क्या हो...

आज विंडोज XP में लैंग्वेज़   की बात करेंगे। यदि टास्क बार से EN गायब हो गया है तो पहले स्क्रीन पर लैंग्वेज़  बार तलाशें। हो सकता है आपने लैंग्वेज़ बार रेस्टोर बटन क्लिक कर दिया हो। यदि स्क्रीन पर लैंग्वेज़ बार नहीं है तो आपने लैंग्वेज़  बार को छुपा (hide) दिया है। इसे पुन: पाने के लिए कंट्रोल पैनल में रीज़नल  एवं लैंग्वेज़  विकल्प में जाएँ और Languages क्लिक करने के बाद नीचे दिए

Oct 18, 2011

यदि लैड्ग्वेज बार गायब हो जाए तो क्या हो...

कुछ मित्रों ने पूछा है-
टास्क बार से यदि लैड्ग्वेज बार गायब हो जाए तो क्या हो...
आज विंडोज विस्ता और 7 की बात करेंगे। यदि टास्क बार से EN गायब हो गया है तो पहले स्क्रीन पर लैड्ग्वेज बार तलाशें। हो सकता है आपने लैड्ग्वेज बार रेस्टोर बटन क्लिक कर दिया हो। यदि स्क्रीन पर लैड्ग्वेज बार नहीं है तो आपने लैड्ग्वेज बार को छुपा (hide) दिया है। इसे पुन: पाने के

Oct 17, 2011

विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम्स में हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं की यनिकोड सक्रियता हेतु सहायता

ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज़ हों या मैक या लिनक्स, भारतीय भाषा हिंदी हो या तमिल, बांग्ला हो या मलयालम, यूनिकोड सक्रियता हेतु निशुल्क सहायता उपलब्ध है- विकीपीडिया पर। एक ही आलेख में लगभग सारी बातों पर चर्चा और संभावित समाधान और...और भी बहुत कुछ, बस नीचे दिए लिंक को क्लिक करें... हो जाएगी बल्ले-बल्ले    


(wikipedia.org के सौजन्य से)

Oct 15, 2011

भाषायी कंप्यूटरीकरण संबंधी समस्याओं का समाधान

                 राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की वेबसाइट http://www.rajbhasha.gov.in/  पर सामूहिक चर्चा-परिचर्चा का एक मंच हाल ही में शुरू किया गया है जिसे नाम दिया गया है- "भाषायी कंप्यूटरीकरण संबंधी समस्याओं का समाधान।"  देश-विदेश का कोई भी व्यक्ति जिसके पास गूगल ई मेल का पता है, इस समूह का सदस्य बन सकता है। समूह के  सदस्य हिन्दी/इंडिक कम्प्यूटिंग से संबंधित अपनी समस्याएँ पोस्ट कर सकते हैं। इन समस्याओं के समाधान भी समूह के सदस्यों द्वारा सुझाए जाएँगे। हिन्दी/इंडिक  कम्प्यूटिंग पर राष्ट्रीय सूचना केंद्र के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक श्री केवल कृष्ण जी की विशेष अभ्युक्तियाँ भी इस मंच पर उपलब्ध होंगी। इस समूह के बारे और अधिक जानकारी के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें- 

भाषायी कंप्यूटरीकरण संबंधी समस्याओं का समाधान


Oct 7, 2011

चाणक्य फॉन्ट को निशुल्क यूनिकोड में बदलें

शुषा, कृतिदेव, चाणक्य, शिवाजी और श्रीलिपि फोंट्स को निशुल्क यूनिकोड फोंट्स में बदलने की सुविधा कविता कोश (www.kavitakosh.org/) पर उपलब्ध है। कवितकोष के मुखपृष्ठ  पर फॉन्ट परिवर्तक बटन दबाने पर आप उपर्युक्त फॉन्ट कन्वर्टर पृष्ठ पर पहुँच जाएंगे। उपर्युक्त जिस भी फॉन्ट में आपका दस्तावेज़ है उसे चुनिए और बाक्स में पेस्ट कर दीजिए, बस आपका काम हो जाएगा। यदि आप यूनिकोड फोंट्स में तैयार दस्तावेज़ को उपर्युक्त नॉन यूनिकोड फोंट्स में बदलना चाहते हैं तो उसका विकल्प भी मौजूद है। मुफ्त आजमाने में आपका क्या जाता है?

बस एक बात का ध्यान जरूर रखें कि कविताकोश फ़ायरफ़ॉक्स तथा गूगल क्रोम में ही सर्वोत्तम दिखाई देता है।

-अजय मलिक

Oct 6, 2011

विश्व जन की विजय हो, नव सृजन की विजय हो...... असत्य परे सत्य हो और सत्य की ही विजय हो......




                                                                                                           सभी छवियाँ गूगल छवि से साभार

Oct 1, 2011

थोड़ा मनोरंजन, फ़ेसबुक से विशाल अग्रवाल का संकलन-3

थोड़ा मनोरंजन, फ़ेसबुक से विशाल अग्रवाल का संकलन-2

थोड़ा मनोरंजन, फ़ेसबुक से विशाल अग्रवाल का संकलन-1

राजभाषा विभाग के नए सचिव
















व्हिसपर्स इन दा कोरिडोर्स की खबर के अनुसार वर्तमान पॅंचायती राज सचिव श्री ए एन पी सिन्हा राजभाषा विभाग के नए सचिव बनाए गए हैं। वे बिहार कैडर के 1974 बैच के वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी हैं।