Jan 29, 2011

हिंदी फ़िल्मी गीतों का एक और गुलदस्ता: हिंदी लिरिक्स डॉट नेट

  हिंदी लिरिक्स डॉट नेट एक ऐसी वेबसाइट है जो हिंदी फ़िल्मी गीतों को रोमन लिपि में उपलब्ध करा रही है. इस वेब साइट पर चार श्रेणियों में गीत पढ़े जा सकते हैं- नवीनतम गीत; गायकों के अनुसार; संगीत निर्देशकों के अनुसार और गीतकारों के नाम के अनुसार. इस पर हमें महान गायक कुंदन लाल सहगल, उमा देवी, सुरैया जैसे सैंकड़ों गायकों के गाए हज़ारों गीत मिले. इसी प्रकार सैंकड़ों संगीतकारों और गीतकारों के हज़ारों गीत इस वेबसाईट पर मौजूद हैं. अनेक गीतों का अँग्रेज़ी अनुवाद भी दिया गया है. न  जाने क्यों हमें यह साइट बहुत अच्छी लगी. 

इस वेब साइट का पता तथा कुछ लिंक्स हम यहाँ साभार दे रहे हैं- 

(hindilyrics.net से साभार  )
  

पंडित प्रदीप का एक गीत चार भारतीय लिपियों में

मुखड़ा देख ले, देख ले
मुखड़ा देख ले प्राणी ज़रा दरपन में.. हो

देख ले कितना पुण्य है कितना पाप तेरे जीवन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी ज़रा दरपन में


कभी तो पल भर सोच ले प्राणी, क्या है तेरी करम कहानी - 2
पता लगा ले..
पता लगा ले पड़े हैं कितने दाग तेरे दामन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी ज़रा दरपन में


खुद को धोखा दे मत बंदे, अच्छे ना होते कपट के धंधे - 2
सदा ना चलता..
सदा ना चलता किसी का नाटक दुनिया के आँगन में
देख ले दरपन में


मुखड़ा देख ले प्राणी ज़रा दरपन में हो
देख ले कितना पुण्य है कितना पाप तेरे जीवन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी

முகாட டேக் லே, டேக் லே
முகாட டேக் லே பிராணி ஸ்யார தரபபன் மென்.. ஹோ

டேக் லே கீடன பூணி ஹை கீடன பாப் தேரே ஜீவன் மென்
டேக் லே தரபபன் மென்
முகாட டேக் லே பிராணி ஸ்யார தரபபன் மென்


காபி தொ பால் பார் சொச் லே பிராணி, க்யா ஹை தேறி கரம் கஹானி - 2
பட் லாக லே
பட் லாக லே பாடே ஹேந் கிதானே தாக் தேரே தாமங் மென்
டேக் லே தரபபன் மென்
முகாட டேக் லே பிராணி ஸ்யார தரபபன் மென்


க்குத் கோ தொக்க . மாட்ட் பண்டே, அச்ச்ே நா ஹோடே காபபத் கே தந்தே - 2
சதா நா சாலட்
சதா நா சாலட் கீசி க நாதக் துணிய கே ஆங்கண் மென்
டேக் லே தரபபன் மென்

முகாட டேக் லே பிராணி ஸ்யார தரபபன் மென் ஹோ
டேக் லே கீடன பூணி ஹை கீடன பாப் தேரே ஜீவன் மென்
டேக் லே தரபபன் மென்
முகாட டேக் லே பிராணி


মুখাদা দেখ লে, দেখ লে
মুখাদা দেখ লে প্রাণী জ়৅রা দরপন মেইন.. হো
দেখ লে কীটানা পুণ্য হাই কীটানা পাপ তেড়ে জীবন মেইন
দেখ লে দরপন মেইন
মুখাদা দেখ লে প্রাণী জ়৅রা দরপন মেইন
কাভি তো পল ভর সচ লে প্রাণী, ক্যা হাই টেরি কারাম কাহানী - 2
পাতা লাগা লে
পাতা লাগা লে পদে হেন কীতানে দাগ তেড়ে দামান মেইন
দেখ লে দরপন মেইন
মুখাদা দেখ লে প্রাণী জ়৅রা দরপন মেইন
খুদ কো ঢখা দে মত বন্দে, আচ্চ্ছে না হতে কাপাত কে ধন্ধে - 2
সাদা না চালতা
সাদা না চালতা কিসি কা নাটক দুনিয়া কে আঙ্গন মেইন
দেখ লে দরপন মেইন


মুখাদা দেখ লে প্রাণী জ়৅রা দরপন মেইন হো
দেখ লে কীটানা পুণ্য হাই কীটানা পাপ তেড়ে জীবন মেইন
দেখ লে দরপন মেইন
মুখাদা দেখ লে প্রাণী

മുഖത ദേഖ്‌ ലെ, ദേഖ്‌ ലെ
മുഖത ദേഖ്‌ . പ്രാണി സ്യാര ദരാപന്‍ മീന്.. ഹോ
ദേഖ്‌ ലെ കിതണാ പ്യൂനീ ഹൈ കിതണാ പാപ് ടേറെ ജീവന്‍ മീന്
ദേഖ്‌ ലെ ദരാപന്‍ മീന്
മുഖത ദേഖ്‌ ലെ പ്രാണി സ്യാര ദരാപന്‍ മീന്


കഭി തോ പാല്‍ ഭര്‍ സോച്ച് ലെ പ്രാണി, ക്യാ ഹൈ തെറി കരം കഹാനി - 2
പാട ലാക ലെ
പാട ലാക ലെ പാടേ ഹേന് കിതണെ ടാഗ്‌ ടേറെ ദാമന്‍ മീന്
ദേഖ്‌ ലെ ദരാപന്‍ മീന്
മുഖത ദേഖ്‌ ലെ പ്രാണി സ്യാര ദരാപന്‍ മീന്


ഖുട് കോ ധോഖ ദേ മറ്റ് ബ്യാംഡെ, അച്ച്ചേ ഞ ഹോടെ കപട് കെ ദ്ദന്ധെ - 2
സാദാ ഞ ചാലത
സാദാ ഞ ചാലത കിസി ക നാടക്‌ ടുണീയ കെ ആങ്കാന്‍ മീന്
ദേഖ്‌ ലെ ദരാപന്‍ മീന്


മുഖത ദേഖ്‌ ലെ പ്രാണി സ്യാര ദരാപന്‍ മീന് ഹോ
ദേഖ്‌ ലെ കിതണാ പ്യൂനീ ഹൈ കിതണാ പാപ് ടേറെ ജീവന്‍ മീന്
ദേഖ്‌ ലെ ദരാപന്‍ മീന്
മുഖത ദേഖ്‌ ലെ പ്രാണി

आपको याद होगा बहुत पहले हमने quillpad का कमाल बताया था. ऊपर चार लिपियों में दिया गया गीत हमने रोमन लिपि में हिंदिलिरिक्स वेब साइट से साभार लिया और quillpad के माध्यम से  लिप्यांतरित कर दिया. ज़रा आप भी तो कुछ ऐसा कर देखिए. वैसे यह गीत हमारे कुछ ऐसे अत्याधुनिक मित्रों, बंधुओं और परिचितों को समर्पित है जो दर्पण तो रोज़  देखते हैं मगर अपना असली चेहरा देखने से परहेज़ रखते हैं...  

Jan 26, 2011

हम भारत के लोग, हमारा गणतंत्र भारत




जय हिंद
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Jan 22, 2011

बालेंदु शर्मा दाधीच का यूनिकोड विकृति संशोधक

कई बार हिन्दी यूनिकोड में भेजी गई मेल में कुछ विकृतियाँ आ जाती हैं। यह जीमेल,  याहू मेल आदि सभी में हो सकता है। ऐसी ही विकृतियों को ऑनलाइन सही करने का उपाय बताया जाता है बालेंदु शर्मा दाधीच द्वारा विकसित आनलाइन यूनिकोड विकृति संशोधक. यदि आपको कोई विकृत हिन्दी मेल मिली हो तो इसकी परख जरूर कीजिएगा। साभार लिंक नीचे दिया जा रहा है-

आनलाइन यूनिकोड विकृति संशोधक

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बॉलीव्हाट.काम का कमाल

  बॉलीवुड यानी बंबई यानी मुंबई की हिंदी फिल्मों की जगमगाती दुनिया, रुपहले परदे का सम्मोहित कर देने वाला संसार रचने वालों की दुनियाँ, जहाँ अँग्रेज़ी बोले बिना हिंदी स्टार होने का एहसास नहीं होता... इस दुनियाँ ने जाने- अनजाने बोलचाल की हिंदी का बहुत भला किया है. इसी बॉलीवुड पर आधारित  एक अनोखा प्रयास बॉलीव्हाट.काम ने अँग्रेज़ी में हिंदी सिखाने का किया है. हालांकि हम हिंग्लिश के पक्षधर नहीं हैं मगर यदि हिंग्लिश के माध्यम से ही हिंदी का कुछ और  प्रचार-प्रसार हो जाए तो इसमें बुरा ही क्या है! हमारे कुछ विद्यार्थियों ने पिछले सप्ताह ही कहा था- "हिन्दी फ़िल्मी गीतों की एक ऐसी महफ़िल हो जहाँ इन गीतों का अँग्रेज़ी अनुवाद भी मिल सकेऔर फिल्मों पर भी कुछ हो तो बात बन जाए." हम लोगों ने तलाश शुरू की और हमें bollywhat.com के रूप में एक नई कड़ी मिली.
   हम यहाँ साभार  बॉलीव्हाट.काम का लिंक दे रहें हैं और साथ ही आभारी हैं विकिपीडिया और Intermediate Hindi Resources के भी जहाँ हमें ये लिंक मिला. इस लिंक को जरूर परखिए... 
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Jan 18, 2011

अज्ञेय जी की दो कविताएं -कविताकोश के सौजन्य से

आज जाने क्यों अज्ञेय जी की ये दो कविताएँ  विशेष रूप से पोस्ट करने का मन हो रहा है!!

एक-

ये मेघ साहसिक सैलानी!

ये मेघ साहसिक सैलानी!
ये तरल वाष्प से लदे हुए
द्रुत साँसों से लालसा भरे
ये ढीठ समीरण के झोंके
कंटकित हुए रोएं तन के
किन अदृश करों से आलोड़ित
स्मृति शेफाली के फूल झरे!
झर झर झर झर
अप्रतिहत स्वर
जीवन की गति आनी-जानी!

झर -
नदी कूल के झर नरसल
झर - उमड़ा हुआ नदी का जल
ज्यों क्वारपने की केंचुल में
यौवन की गति उद्दाम प्रबल
झर -
दूर आड़ में झुरमुट की
चातक की करूण कथा बिखरी
चमकी टिटीहरी की गुहार
झाऊ की साँसों में सिहरी
मिल कर सहसा सहमी ठिठकीं
वे चकित मृगी सी आँखडि़याँ
झर!सहसा दर्शन से झंकृत
इस अल्हड़ मानस की कड़ियाँ!
झर -
अंतरिक्ष की कौली भर
मटियाया सा भूरा पानी
थिगलियाँ भरे छीजे आँचल-सी
ज्यों-त्यों बिछी धरा धानी
हम कुंज-कुंज यमुना-तीरे
बढ़ चले अटपटे पैरों से
छिन लता-गुल्म छिन वानीरे
झर झर झर झर
द्रुत मंद स्वर
आये दल बल ले अभिमानी
ये मेघ साहसिक सैलानी!

कम्पित फरास की ध्वनि सर सर
कहती थी कौतुक से भर कर
पुरवा पछवा हरकारों से
कह देगा सब निर्मम हो कर
दो प्राणों का सलज्ज मर्मर
औत्सुक्य-सजल पर शील-नम्र
इन नभ के प्रहरी तारों से!
ओ कह देते तो कह देते
पुलिनों के ओ नटखट फरास!
ओ कह देते तो कह देते
पुरवा पछवा के हरकारों
नभ के कौतुक कंपित तारों
हाँ कह देते तो कह देते
लहरों के ओ उच्छवसित हास!
पर अब झर-झर
स्मृति शेफाली
यह युग-सरि का
अप्रतिहत स्वर!
झर-झर स्मृति के पत्ते सूखे
जीवन के अंधड़ में पिटते
मरूथल के रेणुक कण रूखे!
झर -
जीवन गति आनी जानी
उठती गिरतीं सूनी साँसें
लोचन अन्तस प्यासे भूखे
अलमस्त चल दिये छलिया से
ये मेघ साहसिक सैलानी!

                                                      - अज्ञेय
दो-

 जो पास रहे

जो पास रहे
वे ही तो सबसे दूर रहे :
प्यार से बार-बार
जिन सब ने उठ-उठ हाथ और झुक-झुक कर पैर गहे,
वे ही दयालु, वत्सल स्नेही तो
सब से क्रूर रहे।
जो चले गये
ठुकरा कर हड्डी-पसली तोड़ गये
पर जो मिट्टी
उन के पग रोष-भरे खूँदते रहे,
फिर अवहेला से रौंद गये :
उसको वे ही एक अनजाने नयी खाद दे गाड़ गये :
उसमें ही वे एक अनोखा अंकुर रोप गये।
-जो चले गये, जो छोड़ गये,
जो जड़े काट, मिट्टी उपाट,
चुन-चुन कर डाल मरोड़ गये
वे नहर खोद कर अनायास
सागर से सागर जोड़ गये
मिटा गये अस्तित्व,
किन्तु वे
जीवन मुझको सौंप गये।
                                                   - अज्ञेय

 (कविताकोश से साभार )

Jan 17, 2011

प्रवीण नोट्स : प्रवीण पाठों के प्रश्न एवं उत्तर

हमारे मित्र श्री विश्वजीत मजूमदार द्वारा तैयार प्रवीण पाठमाला पर आधारित प्रश्न एवं उत्तर प्रवीण पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के लिए यहाँ दिए जा रहे हैं।

पाठ -1 उड़ीसा की सैर

1॰ लेखक ने छुट्टी यात्रा रियायत लेकर कहाँ जाने का कार्यक्रम बनाया ?

उत्तर-लेखक ने छुट्टी यात्रा रियायत लेकर उड़ीसा जाने का कार्यक्रम बनाया।

2. भगवान जगन्नाथ की नगरी किसे कहा जाता है ?

उत्तर- पुरी को भगवान जगन्नाथ की नगरी कहा जाता है ।

3. जगन्नानथ मंदिर में किसकी मूर्तियां स्थापित हैं ?

Jan 13, 2011

अत्यंत महत्वपूर्ण वैधानिक सूचना

एक बार फिर यह स्पष्ट किया जाता है कि हिंदी सबके लिए यानी http://www.hindiforyou.blogspot.com/ एक पूरी तरह गैर व्यवसायिक, नि:शुल्क एवं केवल हिंदी भाषा विशेषकर राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए है. इस ब्लॉग में दिए गए किसी भी लिंक का किसी भी रूप में इस ब्लॉग से कोई संबध नहीं है. इसमें  दिए गए सभी लिंक्स  सम्बद्ध वेबसाइट्स का साभार विवरण तथा क्रेडिट देते हुए हिंदी सीखने वालों को  केवल उन वेबसाइट्स तक पहुँचने में सहायता के लिए दिए गए हैं.  ब्लॉग के शुरू करने के समय से ही वैधानिक सूचना के रूप में इन सब बातों का  उल्लेख किया गया है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी वेबसाईट को अगर हमारे ब्लॉग पर दिए गए लिंक्स पर आपत्ति है तो सूचित करें, सूचना मिलने पर यथासंभव  तत्काल ऐसे लिंक अथवा लिंक्स को निकाल दिया जाएगा.

ब्लॉग में कमेंट्स कॉलम में बिना किसी रोकटोक अथवा संपादन के अपनी बात कहने और आपत्ति दर्ज कराने की सुविधा है. हमें किसी भी वेबसाईट से अपने लिंक्स को हटाने का संदेश आज तक प्राप्त नहीं हुआ है.   अनेक वेबसाइट्स से हमें उनके  लिंक लगाने के अनुरोध भी मिले हैं मगर हमने उन अनुरोधों को भी हिंदी भाषा के प्रति समर्पण की परख करने के बाद ही स्वीकार किया हैं. 

इस ब्लॉग का उद्देश्य नेट पर उपलब्ध निशुल्क हिंदी सीखने की सुविधाओं की जानकारी देना और यह साबित करने का प्रयास करना रहा है कि हिंदी में नेट पर वह सब कुछ है जो अँग्रेज़ी जैसी किसी अन्य  भाषा/ भाषाओं के लिए हो सकता है. 

यदि किसी साभार दिए गए लिंक के बारे में ब्लॉग के कमेंट्स कॉलम में सक्षम प्राधिकारी द्वारा  ३० दिन के अन्दर यदि आपत्ति दर्ज नहीं कराई जाती है तो यह समझा जाएगा कि संबंधित लिंक के बारे में किसी को भी, किसी भी प्रकार की वैधानिक अथवा अन्य, ज्ञात-अज्ञात आपत्ति नहीं है तथा ऐसे में इस ब्लॉग अथवा इस ब्लॉग के सहयोगकर्ताओं की कोई जिम्मेदारी आदि का दावा नहीं किया जा सकेगा. इस ब्लॉग में दिए गए किसी लिंक, किसी सामग्री को पूरी तरह अथवा आंशिक रूप में ब्लॉग से निकालने, संपादित करने, प्रकाशित करने अथवा न करने आदि का पूरा अधिकार ब्लोगर का है.        

CAT मॉडल परीक्षा के लिए लिंक

हमें CAT मॉडल परीक्षा के लिए एक लिंक मिला है जो नीचे  दिया जा रहा है-
उपयोगी लगे तो आजमाइएगा   -


CAT Mock Exams

(जम्बो टेस्ट्स  से साभार)

चवन्नी में पाइए अंडमान का पोस्टकार्ड


 
भारतीय डाक विभाग ने अंडमान में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले मेघदूत पोस्टकार्ड जारी किए हैं . गौरतलब है कि जहाँ सामान्य पोस्टकार्ड 50 पैसे में उपलब्ध होते हैं वहीँ मेघदूत पोस्टकार्ड मात्र 25 पैसे में उपलब्ध होते हैं। मेघदूत पोस्टकार्ड के पते वाले साइड में कुछ लिखा नहीं जा सकता वहाँ पर विभिन्न प्रकार के विज्ञापन या प्रचार सामग्री मुद्रित की जाती है। अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के डाक सेवा निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि उक्त मेघदूत पोस्टकार्ड बिक्री हेतु भारत के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध है। इस विज्ञापन में कभी काला पानी के लिए मशहूर पर अब ऐतिहासिक राष्ट्रीय स्मारक सेलुलर जेल, बैरन द्वीप और यहाँ स्थित भारत के एकमात्र सक्रिय बैरन ज्वालामुखी एवं राॅस और स्मिथ द्वीपों इत्यादि के चित्रों को प्रदशित किया गया है. राॅस और स्मिथ द्वीपों की यह विशेषता है कि ज्वार आने पर यह दोनों द्वीप आपस में मिल जाते हैं और भाटा के समय अलग हो जाते हैं. इसी कारण इन्हें सिस्टर-आइलैंड भी कहा जाता है. गौरतलब है कि इन मेघदूत पोस्टकार्डों को सूचना-प्रसार एवं पर्यटन निदेशालय, अंडमान व निकोबार प्रशासन द्वारा विज्ञापित किया गया है। निदेशक श्री यादव ने बताया कि उक्त मेघदूत पोस्टकार्डों की डाकघरों में काफी माँग है और वर्तमान में टूरिस्ट सीजन होने के चलते तमाम विदेशी और भारतीय पर्यटक इन पर पत्र लिखकर अपने परिजनों को भेज रहे हैं. यहाँ से भेजे जाने के कारण इन पर अंडमान के डाकघरों की मुहर भी लगी होती है, इस कारण इनकी फिलेटलिक वैल्यू भी बढ़ जाती है. देश-विदेश से लोग अंडमान में पर्यटन के बहाने आते हैं और एक बार उस सेलुलर जेल के दर्शन जरुर करते हैं जहाँ देशभक्तों ने इतनी यातनाएं सहीं. डाक विभाग भी इसके प्रति सचेत है और यहाँ के पोर्टब्लेयर प्रधान डाक घर से बाहर जाने वाले पत्रों पर जो मुहर लगाई जाती है, उस पर सेलुलर जेल का चित्र अंकित है. ऐसे में इन पत्रों को लोग यादगार के रूप में सहेज कर रखते हैं.
( युगमानस से साभार )

Jan 5, 2011

एक हिन्दी ई-लर्निंग कार्यशाला में प्रतिभा मलिक




Jan 4, 2011

प्याज को प्याज ही रहने दो कोई...

बचपन में प्याज से प्रेम जैसी कोई बात न थी. प्याज के महीन कतलों को सब्जी या दाल में जला भुना देखकर  चिडचिडाहट होती थी. गाँव में अरहर की दाल से होने वाली उकताहट का ब्यान करना मुश्किल है,  ऊपर से प्याज का काला-काला सा तड़का देखकर अजीब सी बोरियत हुआ करती थी.  मगर आज प्याज बस सपने की चीज़ बनकर रह गई है.  पत्नी रोज प्याज का भाव और उससे जुड़े किससे सुनाती है कि कैसे उसने उसे न खरीदने की हिम्मत दिखाई. अब तो बस यही एक गीत की पैरोडी मनमीत बन गई  है -
प्याज को प्याज ही रहने दो कोई नाम न दो
हमने देखी है प्याजों की महकती खुशबू,
एक एहसास है ये, रूह से महसूस करो ... 

Jan 1, 2011

नव वर्ष 2011 सारे संसार को शुभ एवं मंगलमय हो

बहुत विलंब तो हुआ है मगर अभी भी नयापन बरकरार है इस नए वर्ष में। मैं यात्रा कर रहा था और जहां भी वक्त मिला कुछ कहने की अधूरी सी कोशिश की जो जरूरत से ज्यादा ही अधूरी सी रही। सोचा था आज शाम तक पहुँच कर सब तक नव वर्ष की शुभकामनाएँ पहुंचाने की कोशिश करूंगा मगर वह भी विमान की देरी के कारण संभव नहीं हो सका।  चलिए देर से ही सही इस नए वर्ष को नमन किया जाए।
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएँ