
Jan 29, 2010
एक हिंदी प्राध्यापक का प्रोफेसराना कारनामा
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हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक (Hindi for All by Prathibha Malik)
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1/29/2010 06:04:00 PM
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Jan 26, 2010
हम सब भारत के लोग-सभी भारतवासी- सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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1/26/2010 10:45:00 AM
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Jan 16, 2010
क्यों यह नहीं हो सकता ?
बुराई के प्रति सकारात्मक सोच की कहीं कोई कमी नहीं है। आपने अक्सर सुना होगा -"यहाँ सब कुछ हो सकता है " "अरे, यहाँ सब चलता है।" मगर एक कोई अच्छी बात यदि किसी ने गलती से भी कह दी तो नकारात्मकता की पराकाष्ठा से रूबरू होने में देर नहीं लगेगी। अजी छोड़िए मियाँ, ये सब गुज़रे जमाने की बातें हैं।
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1/16/2010 01:32:00 PM
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Jan 14, 2010
जब गुरु ने दी आवाज़ शिष्य के बेतुकेपन को ...
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1/14/2010 10:46:00 AM
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कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता
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1/14/2010 09:16:00 AM
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एक सूर्योदय ऐसा भी ...
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1/14/2010 09:14:00 AM
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एक सूर्योदय ऐसा भी ...
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1/14/2010 09:14:00 AM
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कृपया इस चित्र को शीर्षक दें ...
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1/14/2010 09:12:00 AM
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ज़रा इस तस्वीर को पहचाने तो जाने !!
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1/14/2010 08:29:00 AM
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सभी को पोंगल और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं




जिसको जैसे मिले राम जी उसने वैसे पाए।
जब-जब नैया फँसी भंवर में, तब-तब पार लगाए।
वह सतयुग का दौर आज कलयुग में भी भरमाए।
खाली हांड़ी चढ़ी चूल्हे में किससे आग जलाए ।
दाल-भात का स्वाद याद कर पति-पत्नी मुस्काए।
पानी तक बेमोल कहाँ, फिर कैसे पोंगल खाए ।
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1/14/2010 07:27:00 AM
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